Edited By Rahul Rana, Updated: 25 Nov, 2024 01:15 PM
अभिषेक बच्चन ने अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय और बेटी आराध्या के साथ अपने रिश्ते पर खुलकर बात की, उन्हें अपनी बेटी से सबसे बड़ी प्रेरणा मिलती है। इसके अलावा, उन्होंने अपनी पत्नी और मां जया भादुरी की परवरिश की भी तारीफ की, और पिता बनने के अनुभव को साझा...
बॉलीवुड तड़का : बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन इन दिनों अपनी फिल्म ‘आई वांट टू टॉक’ को लेकर चर्चा में हैं। हालांकि, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर उतनी सफल नहीं रही है, लेकिन इसकी कहानी को दर्शकों ने काफी पसंद किया है। इसके अलावा, अभिषेक अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन और बेटी आराध्या के साथ अपने रिश्ते पर खुलकर बात की।
अभिषेक ने ऐश्वर्या को किया धन्यवाद
अभिषेक ने एक इंटरव्यू में अपनी पत्नी और बेटी के साथ रिश्ते के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी आराध्या उनके लिए सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। अभिषेक ने बताया, "बच्चे हमें वो प्रेरणा देते हैं जो हमें सबसे ज्यादा जरूरत होती है। अगर मुझे अपनी बेटी के लिए पहाड़ भी चढ़ना पड़े, तो मैं वो करने के लिए तैयार हूं।"
इसके बाद, उन्होंने अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय का भी धन्यवाद किया, जो अपने करियर के बावजूद घर पर रहकर आराध्या की देखभाल करती हैं। अभिषेक ने कहा, "मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे फिल्मों में काम करने का मौका मिलता है, लेकिन मुझे ये भी एहसास है कि ऐश्वर्या घर पर रहती हैं और आराध्या का ख्याल रखती हैं। इसके लिए मैं उनका हमेशा आभारी रहूंगा।"
मां जया बच्चन का किया सम्मान
अभिषेक ने अपनी मां जया भादुरी की भी तारीफ की, जिन्होंने उनके बचपन में उन्हें बहुत प्यार और देखभाल दी। उन्होंने बताया कि जया भादुरी ने अपने करियर को इस लिए साइड किया था, ताकि वह अपने बच्चों के साथ ज्यादा वक्त बिता सकें। अभिषेक ने कहा, "मेरी मां ने मेरे जन्म के बाद अभिनय छोड़ दिया था ताकि वह बच्चों के साथ ज्यादा वक्त बिता सकें। हम कभी ये नहीं महसूस करते थे कि पिताजी हमारे आसपास नहीं होते, क्योंकि उनका शेड्यूल बहुत बिजी था, लेकिन वो हमेशा हमारे सोने से पहले हमें देखने आते थे।"
अभिषेक के पिता बनने का अनुभव
अभिषेक ने पिता बनने के अपने अनुभव पर भी बात की। उन्होंने कहा, "पिता बनने का मतलब सिर्फ जिम्मेदारी उठाना नहीं होता, बल्कि एक पिता हमेशा अपने बच्चों के लिए मजबूत और स्थिर आधार बनना चाहता है। यह काम चुपके से होता है क्योंकि पुरुष अपनी भावनाओं को जाहिर नहीं कर पाते, लेकिन एक पिता अपनी भूमिका को बखूबी निभाता है।"