पद्मश्री और राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित मुसाफिर राम भारद्वाज का निधन, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

Edited By suman prajapati, Updated: 10 Nov, 2024 09:44 AM

padma shri and president award winner musafir ram bhardwaj passed away

पद्मश्री एवं राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित लोक कलाकार शिव चेले मुसाफिर राम भारद्वाज अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका शुक्रवार शाम घर में 6.45 पर निधन हो गया। उन्होंने 94 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। शनिवार को पठानकोट के दुनेरा में राम...

बॉलीवुड तड़का टीम. पद्मश्री एवं राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित लोक कलाकार शिव चेले मुसाफिर राम भारद्वाज अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका शुक्रवार शाम घर में 6.45 पर निधन हो गया। उन्होंने 94 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। शनिवार को पठानकोट के दुनेरा में राम भारद्वार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन से हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर है। 

 

भगवान शिव के चेले मुसाफिर राम भारद्वाज को साल 2014 में कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म भरमौर के सचुईं गांव निवासी दीवाना राम के घर पर हुआ था। वह पारंपरिक वाद्य यंत्र पौण माता बजाने में माहिर थे। उन्होंने 13 वर्ष की आयु में ही पौण माता बजाना सीख लिया था। इसके अलावा वह किसान के साथ दर्जी भी थे।

 

इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2010 में दिल्ली में हुई राष्ट्रमंडल खेलों में भी प्रस्तुति दी थी। उनके चार बेटे और दो बेटियां हैं। मुसाफिर राम ने पिता से पौण माता बजाना सीखा। इसके बाद अगले 61 वर्ष तक उनकी अंगुलियां पौण की गूंज बढ़ाती रहीं। 74 वर्ष की आयु तक पहुंचते-पहुंचते पौण वादन कला में उन्हें इतनी महारत मिल चुकी थी कि भारत सरकार ने साल 2014 में उन्हें पौण वादन के लिए पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

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