200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में जैकलीन फर्नांडिस को बड़ा झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

Edited By suman prajapati, Updated: 04 Jul, 2025 10:55 AM

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बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस को 200 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने एक्ट्रेस द्वारा दाखिल वह याचिका खारिज कर दी है जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की...

मुंबई. बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस को 200 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने एक्ट्रेस द्वारा दाखिल वह याचिका खारिज कर दी है जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट को रद्द करने की मांग की थी। यह फैसला जस्टिस अनीश दयाल ने 4 जुलाई को सुनाया, जिससे उनके कानूनी मोर्चे पर परेशानी और बढ़ गई है।

क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2021 में आया जब दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर नामक एक कथित ठग के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ। आरोप है कि सुकेश ने जून 2020 से मई 2021 के बीच फार्मा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह की पत्नियों से लगभग ₹200 करोड़ की धोखाधड़ी की। ईडी की जांच में सामने आया कि इस भारी-भरकम रकम का उपयोग सुकेश ने महंगे उपहार खरीदने और उन्हें बॉलीवुड हस्तियों को देने में किया, जिनमें सबसे प्रमुख नाम जैकलीन फर्नांडिस का सामने आया।

ईडी ने अपनी जांच में खुलासा किया कि सुकेश ने जैकलीन को कई कीमती तोहफे दिए, जिनकी अनुमानित कीमत करीब ₹10 करोड़ बताई गई। 

 

ईडी का आरोप है कि ये सभी तोहफे उस धन से खरीदे गए जो अपराध से अर्जित था यानी ये "प्रोसीड्स ऑफ क्राइम" थे। इस आधार पर जैकलीन को भी जांच में आरोपी के रूप में शामिल किया गया।

जैकलीन की सफाई और कोर्ट में दलीलें
जैकलीन ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में दावा किया कि वह इस पूरे मामले में एक "धोखाधड़ी की शिकार" हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें सुकेश की पृष्ठभूमि और उसके आपराधिक गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी। उनका यह भी कहना था कि ईडी के पास उनके खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं हैं और जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वे केवल अनुमानों और धारणाओं पर आधारित हैं।

इसके अलावा, जैकलीन की ओर से तर्क दिया गया कि दिल्ली पुलिस की जांच में उन्हें एक प्रॉसिक्यूशन गवाह (सरकारी गवाह) के तौर पर दिखाया गया था, इसलिए उनके खिलाफ एफआईआर और चार्जशीट को अमान्य करार दिया जाना चाहिए।

ईडी की प्रतिक्रिया और कोर्ट का निर्णय
ईडी ने जैकलीन की याचिका का जोरदार विरोध किया। एजेंसी ने कहा कि इस केस में विशेष अदालत पहले ही चार्जशीट का संज्ञान ले चुकी है और जैकलीन ने उस फैसले को चुनौती नहीं दी थी। साथ ही, ईडी ने यह भी कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि जांच में उनके खिलाफ पर्याप्त आधार पाए गए हैं।

कोर्ट ने ईडी की दलीलों को अधिक वज़न देते हुए जैकलीन की याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि मामला गंभीर है और याचिका में कोई कानूनी आधार नहीं था जिसके चलते एफआईआर और चार्जशीट को रद्द किया जा सके।

सुकेश चंद्रशेखर की भूमिका
सुकेश पर आरोप है कि उसने जेल में रहते हुए ही पूरे घोटाले को अंजाम दिया। उसने कथित तौर पर हवाला नेटवर्क, फर्जी कंपनियों और अन्य तरीकों का इस्तेमाल कर इस धन को छिपाने की कोशिश की। दिल्ली पुलिस ने सुकेश और उसकी पत्नी लीना पॉलोज समेत कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में उनके खिलाफ मकोका (MCOCA) की धाराएं भी लगाई गई हैं।

अब तक ईडी ने इस घोटाले से जुड़ी ₹7.1 करोड़ की संपत्ति जब्त की है और आगे और संपत्तियों की जब्ती की संभावना जताई गई है।


 

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