Edited By Smita Sharma, Updated: 20 Dec, 2024 03:25 PM
मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का सोमवार 16 दिसंबर को निधन हो गया। जाकिर हुसैन ने 73 की उम्र में सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे लंग्स की बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से जूझ रहे थे। वहीं गुरुवार 19 दिसंबर को उन्हें सैन...
मुंबई: मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का सोमवार 16 दिसंबर को निधन हो गया। जाकिर हुसैन ने 73 की उम्र में सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे लंग्स की बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से जूझ रहे थे। वहीं गुरुवार 19 दिसंबर को उन्हें सैन फ्रांसिस्को में नम आखों के साथ सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार हुसैन को अंतिम विदाई देने के लिए ड्रमर आनंदन शिवमणि भी पहुंचे थे। तबला वादक की मृत्यु से संगीत की दुनिया में एक युग का अंत हो गया है।
ज़ाकिर हुसैन के परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला और बेटियां अनीसा क़ुरैशी और इसाबेला क़ुरैशी हैं। परिवार के बयान में कहा-'वह दुनिया भर के अनगिनत संगीत प्रेमियों द्वारा संजोई गई एक असाधारण विरासत छोड़ गए हैं,जिसका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक रहेगा।'
ज़ाकिर हुसैन न सिर्फ एक महान तबला वादक थे बल्कि एक बेहतरीन संगीतकार भी थे।उन्होंने हीट एंड डस्ट और इन कस्टडी जैसी फिल्मों के लिए म्यूजिक भी दिया था। ज़ाकिर हुसैन ने अंतर्राष्ट्रीय बैले और आर्केस्ट्रा प्रोडक्शन के लिए कुछ मैजिकल कंपोजिशन भी बनाई थीं।
ज़ाकिर हुसैन ने अपने छह दशक के करियर में चार ग्रैमी पुरस्कार हासिल किए थे जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिल थे। ज़ाकिर हुसैन को साल 1988 में पद्मश्री से नवाजा गया था। इसके बाद साल 2002 में उन्हें पद्मभूषण और साल 2023 में पद्मविभूषण जैसे सर्वोच्च पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं ज़ाकिर हुसैन को 1990 में संगीत के सर्वोच्च सम्मान 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से भी नवाजा गया था।