बाल ना कटवाने की रखी थी शर्त, जाकिर हुसैन की पॉपुलैरिटी की अनकही कहानी

Edited By Rahul Rana, Updated: 16 Dec, 2024 01:11 PM

the untold story of zakir hussain s popularity

तबला उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन 73 साल की उम्र में हुआ, वे लंबे समय से फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे। अपनी पॉपुलैरिटी के कारण, उन्हें चाय विज्ञापन में बाल न कटवाने की शर्त का सामना करना पड़ा था।

बाॅलीवुड तड़का : प्रसिद्ध तबला उस्ताद और संगीत के महानायक, जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से फेफड़ों से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे थे, और इलाज के दौरान अमेरिका में उनका निधन हुआ। जाकिर हुसैन ने अपनी अद्भुत संगीत कला से न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में नाम कमाया। हालांकि उनकी पहचान केवल संगीत तक ही सीमित नहीं थी। 1980 के दशक में, वह ‘वाह ताज!’ के चाय विज्ञापन में नजर आए थे, जिसमें उन्होंने अपने लंबे बालों के साथ तबला बजाया था। इस विज्ञापन ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई। लेकिन क्या आपको पता है कि जाकिर हुसैन ने कभी बाल क्यों नहीं कटवाए? 

पॉपुलैरिटी की कीमत

जाकिर हुसैन के संगीत और तबला बजाने के जितने चर्चे थे, उतने ही उनके लंबे बालों के भी होते थे। ‘वाह ताज!’ विज्ञापन में उनके लंबे बालों के साथ तबला बजाने की शैली ने उन्हें मशहूर किया था। हालांकि, इस पॉपुलैरिटी की कीमत भी उन्हें चुकानी पड़ी थी, क्योंकि इस विज्ञापन को करने के लिए एक बड़ी शर्त उनके सामने रखी गई थी।

बाल कटवाने की परमिशन नहीं

क्या आप जानते हैं कि जाकिर हुसैन को अपने लंबे बाल काटने की अनुमति नहीं थी? यह शर्त थी उनके चाय ब्रांड ‘ताज महल’ के साथ किए गए कॉन्ट्रैक्ट में। जाकिर हुसैन खुद मजाक करते हुए कहते थे, 'मैं अपनी संगीत कला को 30 सेकंड में नहीं दिखा सकता था, लेकिन मैं अपने बाल जरूर हिला सकता था! और मैं आज भी उनके ब्रांड का गुडविल एंबेसेडर हूं, मुझे बाल काटने की इजाजत नहीं है, चाहे वो गिरते ही क्यों न जाएं।'

बाल ना कटवाने का और कारण

जाकिर हुसैन ने अपने बाल ना कटवाने का एक और कारण भी बताया था, जो एक वित्तीय कारण से जुड़ा था। उन्होंने कहा, 'जब मैं पहली बार अमेरिका गया था, तब मेरे पास बहुत कम पैसे थे और मैं हर हफ्ते सिर्फ 25 डॉलर ही कमा पाता था। तब मैंने देखा कि कई लोग लंबे बाल रखते हैं, और मुझे भी ऐसा करने की प्रेरणा मिली। इसके बाद मैंने अपने बाल बढ़ाने शुरू कर दिए।' इसके अलावा, वह रॉक और रोल बैंड 'शांति' के साथ भी प्रदर्शन करते थे, जिससे उन्हें और भी प्रेरणा मिली।

जाकिर हुसैन का अंतिम समय और निधन

जाकिर हुसैन का निधन सोमवार सुबह हुआ, भारतीय समयानुसार, जब वे अमेरिका में इलाज के दौरान फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे। उनका परिवार और संगीत जगत इस भारी नुकसान को सहन नहीं कर पा रहा है। उनकी कमी संगीत की दुनिया में हमेशा महसूस की जाएगी।


 

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