Edited By Mehak, Updated: 06 Apr, 2025 12:12 PM

किरण राव की फिल्म 'लापता लेडीज', जो मार्च 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दर्शकों से अच्छी सराहना बटोरी थी, हालांकि सिनेमाघरों में इसका प्रदर्शन उतना खास नहीं रहा। अब यह फिल्म एक नई विवाद में घिरी है। फिल्म पर आरोप लगाए...
बाॅलीवुड तड़का : किरण राव की फिल्म 'लापता लेडीज', जो मार्च 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दर्शकों से अच्छी सराहना बटोरी थी, हालांकि सिनेमाघरों में इसका प्रदर्शन उतना खास नहीं रहा। अब यह फिल्म एक नई विवाद में घिरी है। फिल्म पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि इसकी कहानी 2019 की अरबी शॉर्ट फिल्म 'बुर्का सिटी' से चुराई गई है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक आदमी अपनी नई पत्नी को दूसरे महिला के रूप में देखता है, जबकि दोनों महिलाओं ने बुर्का पहना होता है। यह फिल्म एक सटायर कॉमेडी थी, और अब आरोप लगाया जा रहा है कि 'लापता लेडीज' की कहानी इससे काफी मिलती-जुलती है।
राइटर बिप्लब गोस्वामी ने आरोपों को नकारा
इन आरोपों पर अब 'लापता लेडीस' के राइटर बिप्लब गोस्वामी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने शनिवार को अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया और इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया। बिप्लब ने लिखा, 'हमारी कहानी, किरदार और डायलॉग सौ प्रतिशत मौलिक हैं। फिल्म पर लगे साहित्यिक चोरी का कोई भी आरोप गलत है। ये आरोप न सिर्फ मेरे काम को कमजोर करते हैं, बल्कि पूरी फिल्म निर्माण टीम की मेहनत को भी नकारते हैं।'
कहानी रजिस्टर करने का दावा
बिप्लब गोस्वामी ने आगे कहा कि उन्होंने अपनी कहानी को पिछले साल 3 जुलाई 2024 को स्क्रीन राइटर एसोसिएशन के साथ रजिस्टर किया था। उन्होंने फिल्म का पूरा सारांश 'टू ब्राइड्स' नाम से रजिस्टर कराया था, जिसमें कहानी की शुरुआत से लेकर प्रमुख दृश्य का पूरा विवरण दिया गया था। बिप्लब ने बताया कि फिल्म में एक सीन है जिसमें दूल्हा गलती से अपनी दुल्हन को न पहचानकर दूसरी महिला को घर ले आता है और फिर घूंघट के चलते उसे अपनी गलती का एहसास होता है।
फिल्म ने जीते थे पुरस्कार
बिप्लब ने यह भी बताया कि इस कहानी ने 2018 में सिनेस्तान स्टोरीटेलर्स कंपटीशन में उपविजेता का पुरस्कार भी जीता था।

'लापता लेडीज' पर चोरी के आरोप
बता दें कि 'लापता लेडीज' पर आरोप है कि इसकी कहानी 'बुर्का सिटी' से चुराई गई है, जो 2019 में रिलीज हुई थी। यह अरबी शॉर्ट फिल्म 19 मिनट की थी और इसमें एक आदमी गलती से अपनी बेगम को न पहचानकर दूसरी महिला को घर ले आता है , जबकि दोनों महिलाओं ने बुर्का पहना होता है।
इस विवाद के बाद राइटर बिप्लब गोस्वामी ने स्पष्ट किया है कि फिल्म की कहानी पूरी तरह से मौलिक है और इसमें किसी तरह की साहित्यिक चोरी नहीं की गई है।