Edited By Rahul Rana, Updated: 24 Dec, 2024 12:03 PM
मोहम्मद रफी, भारतीय संगीत के महानायक, ने अपने करियर में कई हिट गाने दिए, लेकिन उनके जीवन में कई विवाद भी रहे। इनमें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड को लेकर उनका दावा, और लता मंगेशकर से रॉयल्टी को लेकर हुआ विवाद प्रमुख हैं। इन घटनाओं के बावजूद, रफी की आवाज़ आज...
बाॅलीवुड तड़का : मोहम्मद रफी, म्यूजिक इंडस्ट्री के महान भारतीय गायक, ने अपने शानदार गीतों से लाखों लोगों का दिल जीता। उनका करियर कई हिट गानों से भरा हुआ है और उन्होंने भारतीय संगीत में एक खास पहचान बनाई। हालांकि, उनके जीवन में कई विवाद भी रहे, लेकिन उनकी आवाज़ और गीत आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा हैं। आज मोहम्मद रफी की बर्थ एनिवर्सरी है, तो इस मौके पर हम उनकी ज़िंदगी और करियर के कुछ खास पहलुओं को जानते हैं।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड विवाद
मोहम्मद रफी ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने अपने करियर में करीब 25,000 से 26,000 गाने गाए थे। 1979 में, उन्होंने लता मंगेशकर के रिकॉर्ड को चुनौती दी और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से इसे मान्यता देने की मांग की। वह चाहते थे कि उनके रिकॉर्ड को भी लिस्ट किया जाए, जिसमें उन्हें कम से कम 25,000 गाने गाए जाने के लिए माना जाए। इसके बाद गिनीज बुक के 1984 संस्करण में लता मंगेशकर को इस रिकॉर्ड के लिए मान्यता मिली, लेकिन रफी के 28,000 गाने गाए जाने के दावे का भी उल्लेख किया गया था। हालांकि, 1991 तक दोनों गायकों के रिकॉर्ड गिनीज बुक से हटा दिए गए। बाद में, 2011 में आशा भोसले को सबसे ज़्यादा गाने रिकॉर्ड करने का खिताब मिला।
मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर का झगड़ा
मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर के बीच रॉयल्टी को लेकर विवाद हुआ था। पहले दोनों साथ में गाने गाते थे, लेकिन एक समय ऐसा आया जब दोनों ने तीन साल तक एक साथ काम करना बंद कर दिया। विवाद की शुरुआत तब हुई जब लता मंगेशकर रॉयल्टी की मांग करने लगीं। वह चाहती थीं कि संगीत कंपनियां गायकों को भी रॉयल्टी दें, जैसा कि संगीतकारों को मिलता था। लता ने इस मुद्दे पर रफी से मदद की उम्मीद की थी, लेकिन रफी ने उनका साथ नहीं दिया। इसके कारण दोनों के बीच मतभेद बढ़ गए और उनका रिश्ता खराब हो गया।
बीआर चोपड़ा संग विवाद
बीआर चोपड़ा, जो कि मशहूर फिल्म निर्माता थे, ने अपने फिल्म निर्माण के दौरान एक नियम बनाया था कि उनके साथ काम करने वाले हर गायक को एक बॉन्ड साइन करना होगा। उन्होंने यह नियम मोहम्मद रफी पर भी लागू किया। रफी ने उन्हें बड़े प्यार से कहा कि वह इस तरह के बॉन्ड में साइन नहीं करना चाहते, क्योंकि वह इंडस्ट्री में अलग-अलग संगीतकारों के साथ काम करके अपनी पहचान बनाना चाहते थे। रफी चाहते थे कि वे अपनी आवाज़ से सबके दिलों में बस जाएं। लेकिन बीआर चोपड़ा को रफी का यह कदम अच्छा नहीं लगा और उन्होंने अन्य निर्देशकों से भी कहा कि वे रफी को अपनी फिल्मों में गाने का मौका न दें।
इन विवादों के बावजूद, मोहम्मद रफी का संगीत आज भी हर दिल में बसा हुआ है। उनकी आवाज़ और गाने कभी नहीं भुलाए जाएंगे और उनकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी।