Edited By Mehak, Updated: 21 Apr, 2025 03:40 PM

टीवी की दुनिया में अपनी कॉमेडी से लाखों दिलों को जीतने वाले एक्टर संदीप आनंद की असल ज़िंदगी पर्दे से बिल्कुल अलग है। शो 'FIR' और 'May I come in madam' में अपने मजेदार किरदारों से दर्शकों को हंसाने वाले संदीप ने एक इंटरव्यू में अपनी पर्सनल लाइफ के...
बाॅलीवुड तड़का : टीवी की दुनिया में अपनी कॉमेडी से लाखों दिलों को जीतने वाले एक्टर संदीप आनंद की असल ज़िंदगी पर्दे से बिल्कुल अलग है। शो 'FIR' और 'May I come in madam' में अपने मजेदार किरदारों से दर्शकों को हंसाने वाले संदीप ने एक इंटरव्यू में अपनी पर्सनल लाइफ के दर्द को सबके सामने रखा है।
मुस्कुराते चेहरे के पीछे छिपा दर्द
संदीप आनंद का मानना है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा स्टार क्यों न हो, उसके चेहरे की मुस्कान उसके हालात नहीं बता सकती। उन्होंने बताया कि वे जितना बाहर से खुश दिखते हैं, उतना ही अंदर से टूटे हुए हैं।
शादी में मिला धोखा
संदीप की शादी श्रद्धा नाम की महिला से एक अरेंज मैरिज थी। उनका एक बेटा भी है, लेकिन तलाक के बाद वे अपने बेटे से पूरी तरह अलग हो चुके हैं। दुख की बात ये है कि उन्हें आज तक यह नहीं पता कि उनका बेटा कहां है, किस हाल में है। संदीप ने बताया कि उन्होंने श्रद्धा से शादी से पहले सिर्फ दो-तीन बार मुलाकात की थी। वे बोले, 'शादी के बाद मैं मुंबई आ गया और दिन-रात शूटिंग में बिजी रहा। महीने में सिर्फ 5 दिन ही घर पर बिता पाता था।' काम और जिम्मेदारियों के बोझ के कारण उनकी मानसिक सेहत पर भी बुरा असर पड़ा। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता था जैसे मुझे धीरे-धीरे ज़हर दिया जा रहा है।'

तलाक के बाद टूटी उम्मीदें
तलाक के दो साल बाद संदीप को पता चला कि ये सब एक प्लानिंग के तहत हुआ धोखा था। उन्होंने बताया कि उनके बचपन का दोस्त भी इस प्लान में शामिल था। 'अब वही दोस्त मेरी पूर्व पत्नी और बेटे के साथ लापता हो गया है। उन्होंने मुझे धोखा दिया और भाग गए।'
सब कुछ लुटा दिया, लेकिन अब फर्क नहीं पड़ता
संदीप ने कहा कि तलाक के समय उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति अपनी पूर्व पत्नी के नाम कर दी थी, जिसमें उनका खुद का खरीदा घर भी शामिल था। 'मैंने कुछ समय एक आश्रम में भी गुजारे हैं। अब मुझे इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता।' संदीप आनंद की यह कहानी बताती है कि टीवी पर जो कलाकार हमें हंसी का डोज़ देते हैं, उनकी असल जिंदगी में कितनी तकलीफें हो सकती हैं। आज वे अपने अतीत से बाहर निकल चुके हैं और कहते हैं, 'अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।'