Edited By suman prajapati, Updated: 17 Apr, 2025 05:24 PM

देश में इन दिनों ‘मराठी भाषा’ को लेकर इन दिनों माहौल गरमाया हुआ है। कुछ लोग ‘मार से नहीं प्यार’ से मराठी सिखाने की बात कर रहे हैं तो वहीं कुछ ‘लाठी-डंडे’ की बदौलत भाषा सिखाने की बात कह रहे हैं। इसी बीच टीवी और रियलिटी शो से लोकप्रियता पाने वाले...
मुंबई. देश में इन दिनों ‘मराठी भाषा’ को लेकर इन दिनों माहौल गरमाया हुआ है। कुछ लोग ‘मार से नहीं प्यार’ से मराठी सिखाने की बात कर रहे हैं तो वहीं कुछ ‘लाठी-डंडे’ की बदौलत भाषा सिखाने की बात कह रहे हैं। इसी बीच टीवी और रियलिटी शो से लोकप्रियता पाने वाले एक्टर शिव ठाकरे ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक मीडिया बातचीत में शिव ने स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति को जबरन किसी भाषा को बोलने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
"सीखने का नजरिया ज़रूरी है, दबाव नहीं"
शिव का मानना है कि भाषा सीखना एक स्वाभाविक और प्रेरणादायक प्रक्रिया होनी चाहिए, न कि डर या ज़ोर-ज़बरदस्ती का नतीजा। उन्होंने कहा, "किसी को मारकर या डांटकर आप भाषा नहीं सिखा सकते। अगर मैं किसी और राज्य या देश में जाता हूं, तो वहां की भाषा सीखने की कोशिश करता हूं ताकि वहां के लोगों को सम्मान मिले और संवाद आसान हो।"
"मुंबई में रह रहे लोगों को मराठी आनी चाहिए"
शिव ठाकरे ने यह भी कहा कि जो लोग मुंबई में रहते हैं और काम कर रहे हैं, उन्हें मराठी भाषा को समझने और सीखने की कोशिश जरूर करनी चाहिए। मराठी सीखने का आग्रह गलत नहीं है, लेकिन उसे जबरदस्ती थोपना भी उचित नहीं।

उन्होंने अपनी विदेश यात्राओं का उदाहरण देते हुए बताया कि वे जब बैंकॉक और केप टाउन शूटिंग के लिए गए थे, तब उन्होंने वहां की स्थानीय भाषा के कुछ शब्द सीखने का प्रयास किया था।