Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Dec, 2017 11:51 AM

बॉलीवुड के मोगैंबो अमरीश पुरी बॉलीवुड में हीरो बनने का ख्वाब लेकर मुंबई आए थे लेकिन किस्मत ने उन्हें विलेन बना दिया। अमरीश पुरी को आज भी बॉलीवुड का बेस्ट विलेन माना जाता है। वह इंडस्ट्री के एक एेसे विलेन थे जिनका अभी तक कोई भी एक्टर मुकाबला नहीं कर...
मुंबई: बॉलीवुड के मोगैंबो अमरीश पुरी बॉलीवुड में हीरो बनने का ख्वाब लेकर मुंबई आए थे लेकिन किस्मत ने उन्हें विलेन बना दिया। अमरीश पुरी को आज भी बॉलीवुड का बेस्ट विलेन माना जाता है। वह इंडस्ट्री के एक एेसे विलेन थे जिनका अभी तक कोई भी एक्टर मुकाबला नहीं कर पाया है।
वह भले इस दुनिया को अलविदा कह चुके हों लेकिन उनकी दमदार आवाज़ और अभिनय आज भी लोगों के जहन में जिंदा है। अमरीश पुरी ने नेगेटिव और पॉजिटिव दोनो किरदार निभाए।

उन्होंने कुछ ऐसे विलेन के किरदार निभाए जो आज भी लोगों की जुबान पर है। उदाहरण के तौर पर ’मिस्टर इडिया’ में ‘मोगैम्बो’ का किरदार।

अमरीश पूरी जी को आज भी लोग नकरात्मक भूमिकाएं निभाने के लिए याद करते हैं। आज हम इस महान अभिनेता को थोड़े करीब से जानने की कोशिश करेंगे। आज हम आपको उनकी बेटी के बारे में बताएंगे जो बेहद खूबसूरत है।

अमरीश पुरी की बेटी का नाम नम्रता है. नम्रता बॉलीवुड की चकाचौंध से बहुत दूर हैं। नम्रता ने ग्रेजुएशन के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री ली है।

बताया जाता है कि हीरो बनने का सपना लेकर मुंबई आए अमरीश पहले ही स्क्रीन टेस्ट में फेल हो गए थे। बाद में उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में नौकरी कर ली। बीमा कंपनी की नौकरी के साथ ही वह पृथ्वी थिएटर में काम करने लगे। थिएटर करते ही धीरे-धीरे वो टीवी विज्ञापनों में आने लगे, जहां से वो फिल्मों में विलेन के किरदार तक पहुंचे।

अमरीश को बॉलीवुड में पहला रोल 39 साल की उम्र में मिला था। सुनील दत्त और वहीदा रहमान स्टारर फिल्म 'रेशमा और शेरा' में उन्होंने रहमत खान नाम के शख्स का रोल प्ले किया था।

बाद में अमरीश ने विलेन के रूप में कई दमदार भूमिकाएं निभाईं। फिल्मों में उनके अलग-अलग गेटअप किसी को भी डराने के लिए काफी होते थे। 'अजूबा' में वजीर-ए-आला, 'मि. इंडिया' में मोगैंबो, 'नगीना' में भैरोनाथ, 'तहलका' में जनरल डोंग का गेटअप आज भी लोग भुला नहीं पाए हैं।

बता दें कि 22 जून 1932 को लाहौर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में जन्मे अमरीश 12 जनवरी, 2005 को ब्रेन हेमरेज के चलते दुनिया को अलविदा कह गए थे। उनकी मृत्यु मुंबई में हुई थी। जब उनकी मृत्यु हुई, तो कई अखबारों ने 'मोगैम्बो खामोश हुआ' हैडलाइन बनाई। उनके निधन पर दुनियाभर में उनके करोड़ों फैन्स में उदासी छा गई थी।

