Edited By suman prajapati, Updated: 28 Jul, 2024 01:35 PM
एक्टर शाहिद कपूर के पिता पंकज कपूर हिंदी सिनेमा के एक जाने माने एक्टर हैं, जिनका 90 के दश्क की फिल्मों में काफी दबदबा रहा है। भले ही वह अब फिल्मों में इतना सक्रिय नहीं हैं, लेकिन अक्सर वह किसी न किसी वजह को लेकर चर्चा में रहते हैं। अब हाल ही में...
बॉलीवुड तड़का टीम. एक्टर शाहिद कपूर के पिता पंकज कपूर हिंदी सिनेमा के एक जाने माने एक्टर हैं, जिनका 90 के दश्क की फिल्मों में काफी दबदबा रहा है। भले ही वह अब फिल्मों में इतना सक्रिय नहीं हैं, लेकिन अक्सर वह किसी न किसी वजह को लेकर चर्चा में रहते हैं। अब हाल ही में उन्होंने फिल्म 'जाने भी दो यारो' की शूटिंग का एक डरावना किस्सा सुनाया, जिसके बाद वह खूब खबरों में बने हुए हैं।
पंकज कपूर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में फिल्म 'जाने भी दो यारो' की शूटिंग के दौरान नीना गुप्ता और सतीश कौशिक के साथ हुए खतरे को याद किया। एक्टर ने कहा कि जब फिल्म के निर्देशक कुंदन उन्हें वो जगह दिखाने के लिए ले गए तो वह वहीं जम गए क्योंकि खुली लिफ्ट के किनारे केवल 1-2 फीट ऊंचे थे और टॉप पर एक तार था जो इसे ऊपर खींच लेता था।
उन्होंने कहा, 'हम तीनों, मैं, रेनू सलूजा (संपादक) और कुंदन उसमें खड़े थे जब उन्होंने हमें 25वीं मंजिल पर खींच लिया। मैं लगभग मर चुका था! जब हम नीचे आए तो मैंने उनसे कहा कि लिफ्ट इतनी छोटी है कि उस पर कैमरा भी नहीं लगाया जा सकता।'
पंकज कपूर ने आगे कहा, 'मैंने लिफ्ट के साथ एक बड़ी क्रेन देखी जो उससे सुरक्षित लग रही थी। तो, आखिर में जो आप जो देखते हैं वह एक बहुत बड़ी लिफ्ट है जिसे क्रेन द्वारा खींचा जा रहा है, जिसमें दो लाइटिंग मैन, एक कैमरा पर्सन, पांच एक्टर और खुद कुंदन भी मौजूद थे। लिफ्ट 360 डिग्री का दृश्य देने के लिए ऊपर जा रही थी और घूम भी रही थी और हम डर गए थे!'
एक्टर ने बताया कि एक और सीन था, जहां टीम को 25वीं मंजिल पर कुछ सीन शूट करना था। इमारत के मालिक के बेटे ने क्रू को बताया कि लिफ्ट 26वीं मंजिल तक जाएगी, जिसके बाद वे सीढ़ियां चढ़ सकते हैं और एक मंजिल नीचे आ सकते हैं। हमें इस बात का एहसास नहीं था कि हमने लिफ्ट पर उसकी क्षमता से अधिक भार डाल दिया है। मैं कहता रहा कि हम बहुत ज्यादा हैं, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी। जैसे ही हम ऊपर जाने लगे तो लिफ्ट 7वीं या 8वीं मंजिल पर अटक गई। घबराहट थी, वे न तो इसे खींच सकते थे और न ही नीचे रख सकते थे। फिर लिफ्ट को इमारत के करीब ले जाया गया।
एक्टर बोले- मैं कहता रहा कि हमें घबराना नहीं चाहिए और शांति से बाहर निकलना चाहिए लेकिन किसी ने नहीं सुनी। हम लकी हैं कि कोई दुर्घटना नहीं हुई। सभी लोग बस कूद गए। ऐसा भी नहीं था कि लिफ्ट उतरने वाली जगह के बराबर में आ गई थी, प्लैटफार्म और बिल्डिंग के बीच एक गैप था। एक बार जब हम ऊपर गए तो उस आदमी ने कहा कि लिफ्ट को खींचने वाला तार (वजन के कारण) फट रहा था। हम लकी थे कि हम बच गए, नहीं तो हम 20-25 लोग 7वीं या 8वीं मंजिल से सीधे जमीन पर गिर जाते।
पंकज कपूर ने खुलासा किया कि ये फिल्म उन्होंने बिना पैसों के बनाई थी और कहा कि इस फिल्म के लिए एक्टर्स ने चौबीसों घंटे काम किया था। उन्होंने कहा कि फिल्म बनाने के दौरान जो कुछ भी गलत हो सकता था वह हुआ। कैमरे बंद हो गए, लाइटें खराब हो गईं, जनरेटर बंद हो गया। आपने बोला और वह हो गया। हम 24 घंटे काम कर रहे थे, जिसका मतलब है कि हममें से हर कोई एक घंटे के लिए आराम करेगा, वापस आएगा और अपना शॉट देगा, क्योंकि हम जानते थे कि हमें फिल्म को बिना रोके पूरा करना होगा।'