सलमान खान की 5 बड़ी गलतियां, जो उनके स्टारडम और ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाने में बन सकती हैं बड़ी बाधा

Edited By Rahul Rana, Updated: 17 Jul, 2025 01:55 PM

lack of emotional depth in scripts weakens salman khans box office appeal

बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान हर बार अपनी फिल्मों को 1000 करोड़ क्लब में शामिल होते देखना चाहते हैं, ठीक वैसे ही जैसे उनके साथी शाहरुख खान के कई फिल्में कर पाई हैं। लेकिन सलमान की पिछली दो फिल्मों — ‘टाइगर 3’ और ‘सिकंदर’ — ने उनकी उम्मीदों पर पानी...

बॉलीवुड डेस्क: बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान हर बार अपनी फिल्मों को 1000 करोड़ क्लब में शामिल होते देखना चाहते हैं, ठीक वैसे ही जैसे उनके साथी शाहरुख खान के कई फिल्में कर पाई हैं। लेकिन सलमान की पिछली दो फिल्मों — ‘टाइगर 3’ और ‘सिकंदर’ — ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। अब सलमान फौजी किरदार में ‘बैटल ऑफ गलवान’ लेकर आ रहे हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी 5 बड़ी गलतियों से सावधान होना होगा, वरना उनका स्टारडम और मेहनत दोनों खतरे में पड़ सकते हैं।

रीमेक और फ्रेंचाइजी फिल्मों से बचाव जरूरी
सलमान खान के फैंस लंबे समय से उन्हें नयी और फ्रेश कहानी चुनने की सलाह देते आ रहे हैं। इंडस्ट्री में जहां कई बड़े स्टार अपनी फ्रेंचाइजी फिल्मों के सीक्वल बना रहे हैं, वहीं सलमान को कुछ नया सोचने की जरूरत है। ‘बैटल ऑफ गलवान’ भले ही नया विषय लग रहा हो, लेकिन इसी नाम से पहले भी फिल्म बन चुकी है, जिससे टॉपिक की यूनिकनेस पर सवाल उठते हैं।

इमोशनल और दिल छू जाने वाली कहानी की अनदेखी
सलमान की 90 के दशक से अब तक की हिट फिल्मों की वजह रही है उनकी इमोशनल और फैमिली ड्रामा वाली कहानियां। ‘हम आपके हैं कौन’, ‘हम साथ-साथ हैं’, ‘बजरंगी भाईजान’ जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई क्योंकि उनमें सलमान के मासूम और भावुक किरदारों को बखूबी दर्शाया गया। हालांकि, उनकी हाल की फिल्में इस पैटर्न से हटकर रहीं, जिससे दर्शक जुड़ाव कम महसूस कर पाए। ‘बैटल ऑफ गलवान’ में भी सलमान को इमोशनल कहानी पर विशेष ध्यान देना होगा। 

डायरेक्टर पर भरोसा नहीं करना बड़ी भूल
सलमान अपनी फिल्मों में डायरेक्टर के काम में अक्सर बदलाव करवाते हैं, जिससे कई बार विवाद और प्रोडक्शन में परेशानी भी होती है। फिल्म ‘इंशाअल्लाह’ के संजय लीला भंसाली के साथ बंद होने की बड़ी वजह भी यह बताई गई है कि सलमान ने डायरेक्टर की स्क्रिप्ट में बदलाव चाहा था। अगर सलमान ‘बैटल ऑफ गलवान’ को सफल बनाना चाहते हैं, तो उन्हें अपने डायरेक्टर पर पूरा भरोसा करना होगा।

उम्र के हिसाब से किरदारों का चुनाव न करना
59 साल की उम्र में सलमान अभी भी 30-40 साल के किरदार निभाने की कोशिश करते नजर आते हैं, जो अब दर्शकों को यथार्थवादी नहीं लगते। वहीं, अजय देवगन जैसी हस्तियां अपने किरदारों को उम्र के हिसाब से ढालकर सफलता पा रही हैं। सलमान को भी अपने किरदारों को उम्र के अनुरूप बनाना होगा, ताकि कहानी और किरदार में विश्वसनीयता बनी रहे।

हीरोइन के चयन में समझदारी की कमी
सलमान अक्सर अपनी फिल्मों में खुद से 20-25 साल छोटी हीरोइनों को कास्ट करते हैं, जैसे दिशा पाटनी और रश्मिका मंदाना, जो दर्शकों को असहज महसूस कराते हैं। सही कहानी में हीरोइन का चयन बहुत जरूरी है ताकि ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री स्वाभाविक लगे। उदाहरण के तौर पर शाहरुख खान और आलिया भट्ट की ‘डियर जिंदगी’ ने यह बात साबित की है।

सलमान को सीखना होगा अपनी गलतियों से
सलमान खान ने ‘टाइगर 3’ और ‘सिकंदर’ के बाद ‘बैटल ऑफ गलवान’ से बड़े सपने देखे हैं, लेकिन अगर वे अपनी इन 5 गलतियों को नहीं सुधारे, तो सुपरस्टार के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है। सालभर की मेहनत और जुझारूपन को सफलता में बदलने के लिए इन बातों को गंभीरता से लेना होगा। वरना सलमान का स्टारडम और फिल्मी करियर पर संकट आ सकता है। सलमान के चाहने वाले और फिल्म इंडस्ट्री दोनों ही इस बात पर नजर बनाए हुए हैं कि ‘बैटल ऑफ गलवान’ सुपरहिट होगी या फिर एक और मिसफायर।

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