'काश मैं तुझे बचा पाती' दिवंगत बेटे की मौत पर छलका सेलिना जेटली का दर्द, कब्र के पास बैठ लाडले की यादों में खोईं एक्ट्रेस

Edited By Smita Sharma, Updated: 23 Aug, 2025 11:50 AM

celina jaitly visits son grave shares how she lost him

पूर्व मिस इंडिया रह चुकीं बॉलीवुड एक्ट्रेस सेलिना जेटली के बेटे शमशेर को गुजरे 8 साल हो गए हैं। ऐसे में सेलिना ने अपने लाडले की क्रब पर पहुंची। इसके साथ ही उन्होंने अपने दिवंगत बेटे शमशेर के लिए एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है। सेलिना जेटली ने इस पोस्ट...

मुंबई: पूर्व मिस इंडिया रह चुकीं बॉलीवुड एक्ट्रेस सेलिना जेटली के बेटे शमशेर को गुजरे 8 साल हो गए हैं। ऐसे में सेलिना ने अपने लाडले की क्रब पर पहुंची। इसके साथ ही उन्होंने अपने दिवंगत बेटे शमशेर के लिए एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है। सेलिना जेटली ने इस पोस्ट में अपने दिवंगत लाडले की पूरी कहानी सुनाई है और बताया है कि उसे बचाने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान वो कितनी परेशान रही थीं। उन्होंने बताया कि वो यूके से लेकर भारत तक इस बीमारी के इलाज के लिए भटकती रहीं, जिसे रेयर बीमारी मानी जाती है।

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उन्होंने अपने इस पोस्ट में लिखा- 'काश मैं उसे बचा पाती... पर मैं बचा नहीं सकी। ये फोटो मुझे आर्थर के साथ उसके जुड़वां, शमशेर की कब्र पर ले जाती है। 10 सितंबर को मेरे चौथे बच्चे आर्थर का जन्मदिन नजदीक आ रहा है, मैं ये सोचने से खुद को नहीं रोक पा रही इसके जन्म के साथ कैसी परिस्थितियां थीं। मैंने अपने पिता को अपनी जुड़वां प्रेग्नेंसी के 6वें महीने में खो दिया था और हम अभी भी इस सच से उबर नहीं पाए थे कि आर्थर के जुड़वां भाई शमशेर को हाइपोप्लास्टिक ( हृदय रोग) का पता चला था।'

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उन्होंने आगे लिखा- 'ये वही डॉक्टर थे जिन्होंने दुबई में हमेशा खुश रहने वाले विंस्टन विराज का फीटल (भ्रूण) स्कैन किया था। आर्थर और शमशेर के स्कैन के दौरान वो अचानक 20 मिनट के लिए चुप हो गए, फिर हमें अगले दिन एक कॉलीग के साथ आने को कहा। अगले दिन उनकी मुस्कान गायब थी, वो उदास थे। हमें बताया गया कि जुड़वा बच्चों में से एक को हाइपोप्लास्टिक लेफ्ट हार्ट सिंड्रोम (एचएलएचएस) था, जो एक दुर्लभ जन्मजात हार्ट प्रॉब्लम है, जिसमें दिल का बायां हिस्सा ठीक से विकसित नहीं होता, जिससे वह ब्लड पंप नहीं कर पाता।'

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उन्होंने अपना ये दर्द बयां करते हुए आगे कहा- 'इस डायग्सिस का सबसे मुश्किल हिस्सा ये था कि मैं प्रेग्नेंसी के दौरान अपने बच्चे की मदद के लिए कुछ भी नहीं कर पा रही थी। हम दुबई के सबसे अच्छे डॉक्टरों के पास गए, उन्होंने हमें लंदन रेफर किया, हम यूके गए, हम भारत गए... और फिर भी कुछ नहीं हो सका। हमने प्रेग्नेंसी को दर्द और प्रार्थना में और किसी चमत्कार की उम्मीद में बिताया। काश ऐसी दवाइयां होतीं जिन्हें मैं ले पाती, काश ऐसी सर्जरी होती जिससे मैं करवा पाती लेकिन कुछ नहीं हुआ... और बचने की संभावना बहुत कम थी।'

सेलिना ने आगे लिखा, 'मैंने इस प्रेगनेंसी के लिए 2 साल पहले से तैयारी कर ली थी। मैंने वर्कआउट किया, अपने शरीर को डिटॉक्स किया, हर तरह के विटामिन लिए ताकि मेरा शरीर तैयार रहे। भगवान ने हमें फिर से जुड़वां बच्चों का आशीर्वाद दिया और नतीजा वैसा नहीं निकला जैसा मैंने सोचा था, मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा था। मैं बहुत शुक्रगुजार हूं कि ईश्वर ने हमें खाली हाथ नहीं छोड़ा। मैं अक्सर सोचती हूं कि अगर शमशेर होता तो जिंदगी कैसी होती। बड़े जुड़वां भाइयों का साथ देखकर, मुझे लगता है कि आर्थर को उसकी बहुत याद आती है। जन्मजात चुनौतियां परिवारों को हमेशा के लिए बदल देती हैं, लेकिन ये अकल्पनीय शक्ति भी प्रकट करती हैं। बचने या खोने की हर कहानी इस बात की याद दिलाती है कि माता-पिता का प्यार कितना गहरा होता है।'

 

 

सेलिना जेटली, ने साल 2011 में ऑस्ट्रियाई होटल बेजनेसमैन पीटर हाग से शादी रचाई। इसके बाद उन्हें दो जुड़वां बेटे हुए। उनके पहले जुड़वां बच्चे, विंस्टन और विराज हैं जो 2012 में पैदा हुए थे। 2017 में सेलिना ने दो और जुड़वां बेटों आर्थर और शमशेर को जन्म दिया। दुर्भाग्य से शमशेर का जन्मजात हृदय रोग के कारण निधन हो गया।


 

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