Edited By Mehak, Updated: 16 Apr, 2025 01:18 PM

फिल्म इंडस्ट्री के फेमस म्यूजिक माएस्ट्रो AR Rahman अक्सर अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं। इस बार उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और संगीत के संबंध में अपनी सटीक और पर्सनल राय दी है। AI की दुनिया में इस समय काफी हलचल मची हुई है, लेकिन...
बाॅलीवुड तड़का : फिल्म इंडस्ट्री के फेमस म्यूजिक माएस्ट्रो AR Rahman अक्सर अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं। इस बार उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और संगीत के संबंध में अपनी सटीक और पर्सनल राय दी है। AI की दुनिया में इस समय काफी हलचल मची हुई है, लेकिन रहमान का मानना है कि इंसानी क्रिएटिविटी को मशीन से बदलना एक बहुत बड़ी नासमझी और पागलपन की बात होगी।
संगीत सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, यह एक आत्मा है
एक बातचीत के दौरान रहमान ने कहा कि संगीत केवल एक प्रोडक्ट नहीं है जिसे मशीनें बना सकती हैं। इसमें एक गहरी भावना, अनुभव और जुड़ाव होता है, जो केवल इंसान ही महसूस कर सकता है। रहमान ने AI को एक अच्छा सहायक माना है, लेकिन यह भी कहा कि पूरी तरह से इंसानों को हटा कर केवल तकनीक पर निर्भर रहना एक बड़ी गलती होगी।
निर्देशकों के पास AI चलाने का वक्त नहीं होता
रहमान ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक फिल्म निर्देशक के पास फिल्म के अन्य कामों में व्यस्त रहने के कारण वह खुद AI के जरिए संगीत तैयार नहीं कर सकता। इसलिए एक संगीतकार की भूमिका जरूरी होती है, जो पूरी मेहनत और लगन से धुनों को गढ़ता है और उन्हें जीवंत बनाता है। रहमान ने इसे मां की ममता से जोड़ा, कहकर बताया कि जैसे एक मां अपने बच्चे को सहेज कर रखती है, वैसे ही एक संगीतकार अपने संगीत को प्यार से सजाता है।
कलाकारों की जगह मशीन नहीं ले सकती
रहमान ने यह भी साफ किया कि वह कभी भी किसी टैलेंटेड कलाकार, जैसे कि सितारवादक अनुष्का शंकर या असद खान, को किसी AI सॉफ़्टवेयर से नहीं बदल सकते। उन्होंने इसे 'बेहद मूर्खतापूर्ण' करार दिया और कहा कि कोई भी मशीन असली कलाकार की जगह नहीं ले सकती। उनका कहना है कि मशीनों से बना संगीत एक 'फ्रेंकनस्टाइन' जैसा होता है, जिसमें आत्मा और भावना की कमी होती है।

AI का सही इस्तेमाल हो सकता है
हालांकि, रहमान AI के पूरी तरह खिलाफ भी नहीं हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि यह तकनीक उन लोगों के लिए वरदान हो सकती है जिनके पास सीमित संसाधन हैं। यह तकनीक उन्हें छोटे स्थानों से भी फिल्में या डॉक्यूमेंट्री बनाने में मदद कर सकती है। रहमान ने बच्चों को भी AI का सही उपयोग करके अपनी कहानियां बनाने की सलाह दी, ताकि उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा मिल सके। रहमान ने यह भी कहा कि AI का उपयोग दो तरह से हो सकता है, एक जो सकारात्मक और रचनात्मक हो, और दूसरा जो घटिया और फूहड़ कंटेंट उत्पन्न करे। उन्होंने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें यह समझने की आवश्यकता है कि AI का उपयोग क्यों और कैसे किया जा रहा है।

कुल मिलाकर, रहमान का संदेश साफ है: तकनीक का इस्तेमाल करें, लेकिन इंसानी टैलेंट और क्रिएटिविटी की कद्र करना न भूलें। संगीत एक आत्मा है, और इसे केवल एक दिल रखने वाला इंसान ही सही तरीके से महसूस कर सकता है।