Edited By suman prajapati, Updated: 04 May, 2025 12:20 PM

ज्योतिराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले पर आधारित फिल्म फुले रिलीज से पहले ही काफी चर्चा में आ गई थी और रिलीज के बाद भी ये खूब हैडलाइन्स में बनी हुई है। फिल्म 25 अप्रैल को पर्दे पर रिलीज हुई है, जिसे दर्शकों की काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही...
मुंबई. ज्योतिराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले पर आधारित फिल्म फुले रिलीज से पहले ही काफी चर्चा में आ गई थी और रिलीज के बाद भी ये खूब हैडलाइन्स में बनी हुई है। फिल्म 25 अप्रैल को पर्दे पर रिलीज हुई है, जिसे दर्शकों की काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।इसी बीच हाल ही में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ‘फुले’ की स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया और फिल्म की सराहना करते हुए उन्होंने मांग की कि इसे पूरे भारत में टैक्स-फ्री घोषित किया जाए।
रामदास अठावले ने फिल्म को समाज के लिए प्रेरणादायक बताते हुए कहा, "यह फिल्म समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से विधायकों, शिक्षकों और नीति-निर्माताओं को अवश्य देखनी चाहिए। इससे उन्हें भारत की सामाजिक असमानताओं और सुधार आंदोलनों के इतिहास को समझने में मदद मिलेगी।"
उन्होंने आगे कहा कि देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी यह फिल्म देखनी चाहिए, क्योंकि यह भारत के वंचित समुदायों की आवाज को मजबूती से सामने लाती है।
क्यो हुआ था फिल्म पर विवाद
दरअसल, 'फुले' पर ब्राह्मण समुदाय के कुछ संगठनों ने आरोप लगाया था कि इसमें ब्राह्मणों को नकारात्मक रूप में दर्शाया गया है। इस पर सेंसर बोर्ड ने निर्माताओं से कई जातिगत शब्दों और दृश्यों को हटाने का निर्देश दिया था। बाद में इसमें 'महार', 'मांग', 'पेशवाई', और 'मनु की जाति व्यवस्था' जैसे शब्दों को हटाया गया। इसके कारण फिल्म की रिलीज को 11 अप्रैल से 25 अप्रैल तक स्थगित भी करना पड़ा था।
बता दें, फिल्म का निर्देशन अनंत महादेवन ने किया है। फिल्म में ज्योतिराव फुले के किरादर में प्रतीक गांधी और सावित्रीबाई फुले की भूमिका पत्रलेखा ने निभाई है।