Edited By suman prajapati, Updated: 11 Aug, 2025 04:08 PM

एनिमेटेड फिल्म 'महावतार नरसिम्हा' ने रिलीज़ के बाद से ही शानदार प्रदर्शन किया है। इस फिल्म ने सिर्फ 17 दिनों में घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 145 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर ली है। इस फिल्म को होम्बले फिल्म्स और क्लीम प्रोडक्शंस ने मिलकर बनाया है और...
मुंबई. एनिमेटेड फिल्म 'महावतार नरसिम्हा' ने रिलीज़ के बाद से ही शानदार प्रदर्शन किया है। इस फिल्म ने सिर्फ 17 दिनों में घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 145 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर ली है। इस फिल्म को होम्बले फिल्म्स और क्लीम प्रोडक्शंस ने मिलकर बनाया है और इसके निर्देशक अश्विन कुमार हैं।

क्या है 'महावतार नरसिम्हा' की कहानी?
फिल्म की कहानी दुष्ट राजा हिरण्यकश्यप और उसके भक्त पुत्र प्रह्लाद के इर्द-गिर्द घूमती है। राजा हिरण्यकश्यप को भगवान ब्रह्मा से एक वरदान मिलता है, जिससे वह खुद को अमर समझने लगता है। लेकिन उसका बेटा प्रह्लाद भगवान विष्णु का सच्चा भक्त होता है। राजा अपने बेटे के विश्वास को तोड़ने के लिए उस पर अत्याचार करता है। तभी भगवान विष्णु नरसिंह अवतार लेकर प्रह्लाद को बचाते हैं और अधर्म का अंत करते हैं।
एक इंटरव्यू में निर्देशक अश्विन कुमार ने बताया कि ये फिल्म सिर्फ हिंदू दर्शकों के लिए नहीं है, बल्कि हर धर्म और समुदाय के लोगों के लिए है।कई मुस्लिम दर्शकों सहित अलग-अलग धर्मों के लोग मेरे पास आए और बोले कि इस फिल्म ने उनकी आस्था को मजबूत किया है। मैं किसी को धर्म बदलने के लिए नहीं कह रहा। मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि आस्था को समझिए। चाहे आप किसी भगवान को मानते हों, ऊर्जा में विश्वास रखते हों या ब्रह्मांड को पूजते हों। यह फिल्म आपको आस्था से जुड़ने की प्रेरणा देती है।
यह कोई 'धार्मिक फिल्म' नहीं है
अश्विन कुमार का कहना है कि 'महावतार नरसिम्हा' को धार्मिक फिल्म की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। यह फिल्म अंतरधार्मिक आस्था और प्रेम पर आधारित है। प्रेम एक ऐसा एहसास है, जो हर धर्म में पाया जाता है और आस्था भी सभी के जीवन का हिस्सा है। यही वजह है कि फिल्म लोगों के दिलों को छू रही है और तेजी से आगे बढ़ रही है।
क्या है 'महावतार' सीरीज?
'महावतार नरसिम्हा' फिल्म महावतार सीरीज की पहली किस्त है। इस सीरीज में भगवान विष्णु के अलग-अलग अवतारों की कहानियों को एनिमेशन के ज़रिए दिखाया जाएगा। ये कहानियां सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि भावनात्मक और आध्यात्मिक जुड़ाव के साथ पेश की जाएंगी।