Edited By suman prajapati, Updated: 10 Jun, 2025 02:29 PM
फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस, निर्देशक और एक सिंगल मदर तनिष्ठा चटर्जी आज अपनी ज़िंदगी के सबसे कठिन दौर से गुज़र रही हैं। चार महीने पहले उन्हें एक गंभीर बीमारी- मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर (स्टेज IV)- का पता चला। यह सुनना उनके लिए किसी वज्रपात...
मुंबई. फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस, निर्देशक और एक सिंगल मदर तनिष्ठा चटर्जी आज अपनी ज़िंदगी के सबसे कठिन दौर से गुज़र रही हैं। चार महीने पहले उन्हें एक गंभीर बीमारी- मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर (स्टेज IV)- का पता चला। यह सुनना उनके लिए किसी वज्रपात से कम नहीं था। कुछ महीनों पहले ही तनिष्ठा ने अपने पिता को कैंसर जैसी ही बीमारी के चलते खो दिया था, लेकिन समय ने उन्हें दूसरी चुनौती दे दी- उनकी खुद की सेहत अब दांव पर थी। इस दौरान तनिष्ठा के जीवन में हर चीज़ जैसे बिखरने लगी, मगर उन्होंने हार नहीं मानी।
जब कैंसर की चौथी स्टेज से जूझने की तनिष्ठा को खबर मिली, उस समय वह एक फिल्म के निर्देशन में व्यस्त थीं। उनका पूरा ध्यान अपने काम पर था। ऐसे में बीमारी की यह खबर न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें तोड़ने के लिए काफी थी। लेकिन तनिष्ठा की मानसिक दृढ़ता ने उन्हें झुकने नहीं दिया।
उन्होंने कहा, 'मेरे जीवन में सब कुछ बिखर गया है, लेकिन मैं टूटी नहीं हूं। मेरे इस अनुभव से सबसे बड़ी सीख मानवता है। लोग परवाह करते हैं, आपको बस उन तक पहुंचने की जरूरत है।' जब उन्हें अपने ब्रेस्ट कैंसर का पता चला तो वह सदमे में आ गई थीं और ये सब तब हुआ जब वह एक फिल्म बना रही थीं।
उन्होंने कहा, 'पहली बार, मैं मजबूत होने से थक गई हूं। पिछले साल, मैंने अपने पिता को कैंसर की वजह से खो दिया। मेरे पास शोक करने का कोई समय नहीं था क्योंकि मुझ पर मेरी मां, जो 70 साल की हैं और मेरी बेटी, जो 9 साल की है, उनकी जिम्मेदारी थी। मुझे उनके लिए मजबूत होना था। अपने पिता को खोने के पांच दिनों के भीतर, मैं अपनी फिल्म एक रुका हुआ फैसला के सेट पर वापस आ गई थी। मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रही थी। मैंने उनके पसंदीदा गाने सुने और खुद को याद दिलाया कि मुझे आगे बढ़ना है। मेरा मानना है कि यह सब आपके स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है। जब मुझे स्टेज 4 ब्रेस्ट कैंसर का पता चला तो मैंने सोचा मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ? क्या यह कर्म है? मैं तबाह हो गई थी।'
तनिष्ठा चटर्जी ने कहा, 'दोस्त, अध्यात्म और योग मुझे इससे निपटने में मदद कर रहे हैं। बीमारी एडवांस स्टेज में है, लेकिन डॉक्टरों ने मुझे यह विश्वास दिलाया है कि मैं ठीक हो जाऊंगी। मैंने 6 कीमोथेरेपी सेशन करवाए हैं। जब आप अत्यधिक बाल झड़ने, वजन कम होने, भौंहों के पतले होने का सामना करते हैं तो यह आप पर भारी पड़ता है।'
एक्ट्रेस ने आगे सलाह देते हुए कहा, 'अपने स्वास्थ्य को कभी हल्के में न लें, चाहे आप कितने भी स्वस्थ हों। मुझे इस बात पर बहुत गर्व था कि मुझे पहले कभी किसी हेल्थ प्रॉब्लम का सामना नहीं करना पड़ा। वास्तव में मैं इसलिए घमंडी थी क्योंकि मैं स्वस्थ थी। मुझे लगता था कि मुझे कभी कुछ नहीं होगा। मेरे पापा बहुत फिट थे और जब तक उन्हें ल्यूकेमिया का पता नहीं चला, तब तक वे कभी डॉक्टर के पास नहीं गए। मैं यहां यह कहना चाहती हूं कि आपको अपने स्वास्थ्य को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए, चाहे आप कितने भी फिट क्यों न हों। मैं 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को मैमोग्राफी करवाने की सलाह दूंगी क्योंकि समय रहते पता लग जाना फायदेमंद हो सकता है। मैंने गलती की। मुझे लगा कि मैं अपवाद हूं, लेकिन ये किसी को भी हिट कर सकता है।'
उन्होंने कहा- 'मैंने अपनी बेटी को अमेरिका भेजा क्योंकि मैं उसका बचपन बचाना चाहती थी' उन्होंने बताया कि उनके लिए सबसे मुश्किल फैसलों में से एक था अपनी छोटी बेटी को अपनी बहन के साथ रहने के लिए अमेरिका भेजना। एक्ट्रेस ने कहा, 'मेरी बेटी सोचती है कि मैं एक सुपरवुमन हूं और मैं चाहती हूं कि वह ऐसा ही मानती रहे। कुछ लोगों का मानना है कि बच्चों को सब कुछ बता देना चाहिए, लेकिन मैं उसे प्रोटेक्ट करना चाहती थी। माता-पिता यही करते हैं। मैं नहीं चाहती थी कि उसका बचपन दुख में डूब जाए। वह अमेरिका नहीं जाना चाहती थी, लेकिन मैं नहीं चाहती थी कि वह मुझे इस तरह देखे। मैं नहीं चाहती थी कि वह अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस करे और चाहती थी कि उसे पता चले कि उसके पास ऐसे लोग हैं जो उसका ख्याल रखेंगे और उससे प्यार करेंगे'
शारिब हाशमी, जिनकी पत्नी मुंह के कैंसर से पीड़ित हैं, अस्पताल में तनिष्ठा से मिलने गए। तनिष्ठा कहती हैं, 'हमने बातचीत की और तय किया कि हम एक लाइव परफॉरमेंस पर साथ मिलकर काम कर सकते हैं, जो कैंसर के बारे में जागरुकता को छूएगा, लेकिन किसी उदास या निराशाजनक तरीके से नहीं। इसमें संगीत होगा और यह अर्ध-जीवनी पर आधारित होगा। यह दिखाएगा कि कैसे हास्य और अच्छे दोस्त आपको किसी भी मुसीबत से बाहर निकलने में मदद कर सकते हैं।'
तनिष्ठा बोलीं- 'जब मैंने अपना इलाज शुरू किया, तो डॉक्टरों ने कहा, आपको कागज़ात पर साइन करने के लिए किसी दोस्त या परिवार की ज़रूरत होगी। मैं रो रही थी क्योंकि मेरी मां या बच्चा दोनों में से कोई ऐसा नहीं कर सकते थे। मेरी बहन ने मुझसे कहा- मज़बूत न होना या ज़िम्मेदार न होना ठीक है। प्लीज अपने दोस्तों से सम्पर्क करो।'
एक्ट्रेस ने खुलासा किया कि शबाना आज़मी, ऋचा चड्ढा, कोंकणा सेन शर्मा, विद्या बालन , दिव्या दत्ता , उर्मिला मातोंडकर और दीया मिर्ज़ा सहित उनके करीबी दोस्तों ने उन्हें खूब सपोर्ट किया। वे उनके कीमो सेशन में उनके साथ रहे और उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ा।
आखिर में तनिष्ठा ने कहा, 'मेरे जीवन में सब कुछ बिखर गया है, लेकिन मैं टूटी नहीं हूं। मैं नेगेटिव महसूस नहीं कर रही। मेरे अनुभव से सबसे बड़ी सीख मानवता है। लोग परवाह करते हैं, आपको बस उन तक पहुंचने की जरूरत है।'