India's Got Latent: Ranveer Allahbadia को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर लगाई रोक

Edited By Mehak, Updated: 18 Feb, 2025 12:23 PM

ranveer allahbadia gets big relief from supreme court

सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर अलहाबादिया को 'India's Got Latent' शो में की गई अश्लील टिप्पणियों के मामले में राहत दी। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आगे कोई पुलिस केस नहीं दायर किया जा सकता, और अगर उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है, तो वह...

बाॅलीवुड तड़का : सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को ‘India's Got Latent’ शो में पेरेंट्स और सेक्स पर की गई विवादास्पद टिप्पणियों के मामले में कुछ राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में उनके खिलाफ आगे कोई और पुलिस केस नहीं दायर किया जा सकता है। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर उन्हें या उनके परिवार को जान से मारने की धमकी मिल रही है, तो वह महाराष्ट्र या असम पुलिस से सुरक्षा के लिए संपर्क कर सकते हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि रणवीर इलाहाबादिया जांच में सहयोग करते हैं, तो न तो महाराष्ट्र पुलिस और न ही असम पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी, या फिर जयपुर में दर्ज तीसरे शिकायत के आधार पर गिरफ्तारी होगी। हालांकि, उन्हें अपना पासपोर्ट महाराष्ट्र के ठाणे पुलिस के पास जमा करना होगा और बिना कोर्ट की अनुमति के देश छोड़ने की कोशिश नहीं करनी होगी।

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्या कांट और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह शामिल थे, ने रणवीर इलाहाबादिया की याचिका की सुनवाई की, जिसमें उन्होंने FIR को एक साथ जोड़ने और गुवाहाटी पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से पहले अग्रिम जमानत की मांग की थी। गुवाहाटी पुलिस ने पिछले हफ्ते उनके मुंबई अपार्टमेंट पर आकर उनसे पूछताछ की थी।

सुनवाई की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर अलहाबादिया की कड़ी आलोचना की। कोर्ट ने कहा, 'उनके दिमाग में कुछ गंदा है," और यह भी पूछा, 'ऐसे लोगों को कोर्ट क्यों सुने?' जस्टिस कांट ने कहा, 'उन्होंने अपने माता-पिता को कितनी शर्मिंदा किया है? और यह सवाल उन्होंने कहां से लिया है, हम जानते हैं।' कोर्ट ने यह भी कहा कि कुछ समाजों में यह चेतावनी दी जाती है कि कौन से कार्यक्रम देखे जाने चाहिए, खासकर बच्चों के लिए।

कोर्ट ने कहा, 'क्योंकि किसी को लगता है कि वह पॉपुलर है, तो वह कुछ भी कह सकता है और समाज को नजरअंदाज कर सकता है, तो क्या यह सही है?' जस्टिस कांट ने गुस्से में कहा, 'आपके शब्दों ने माता-पिता और बहनों को शर्मिंदा किया है, पूरी समाज को शर्मिंदगी महसूस हुई है।'

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जान से मारने की धमकियों के मामले में कहा कि कानून अपना रास्ता तय करेगा और राज्य सुरक्षा मुहैया करेगा।

 


 

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