Edited By Smita Sharma, Updated: 20 Sep, 2024 05:01 PM
पंजाबी सिंगर गुरदास मान ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान पंजाबी संगठनों से हाथ जोड़कर और कान पकड़कर माफी मांगी। गुरदास मान ने यह इंटरव्यू एक अमेरिकी पंजाबी चैनल को दिया। गुरदास मान ने कहा कि उनकी मंशा किसी का दिल दुखाने या किसी को ठेस पहुंचाने...
मुंबई: पंजाबी सिंगर गुरदास मान ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान पंजाबी संगठनों से हाथ जोड़कर और कान पकड़कर माफी मांगी। गुरदास मान ने यह इंटरव्यू एक अमेरिकी पंजाबी चैनल को दिया। गुरदास मान ने कहा कि उनकी मंशा किसी का दिल दुखाने या किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। अगर किसी का उनकी वजह से दिल दुखा हो, तो वह माफी मांगते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक अब गुरदास मान ने कहा है- 'मैं कान पकड़ कर माफी मांगता हूं। मैंने सिख धर्म के लिए जो गाना गाया था, उसमें कुछ भी ऐसा नहीं था, जिससे किसी को बुरा लगे। फिर भी किसी को मेरी कोई बात या किसी शब्द से ठेस पहुंची हो तो मैं माफी मांगता हूं। लेकिन मुझे दुख इस बात का हुआ कि मैंने अपने गुरुओं लिए गाना गाया था। मैं तो सोच रहा था कि पंजाबियों को बड़े दिलवाला माना जाता है और जो गलती हुई, मुझे उसके लिए माफ कर देंगे। पर ऐसा हुआ नहीं।'
गुरदास मान ने आगे कहा, 'मैंने मां बोली की सेवा की तो तो उन्होंने भी मेरी सेवा की। जो कुछ भी मेरे पास है, वो सब मां बोली ने दिया है। सिर्फ पंजाबी बोली की वजह से सब मेरे पास है। मैंने न तो कभी गलत शब्द लिखे हैं और ना ही कभी लिखूंगा, ना ही गाऊंगा।'
गुरदास मान ने फिर कहा कि गलतियां हर किसी से होती हैं और होती आई हैं। पर इसका मतलब यह नहीं कि उनकी मां को गालियां दी जाएं। यह कहा जाए कि उन्होंने गद्दार पैदा किया है। वह बोले, 'मेरी मां को कोई गद्दार कहेगा तो क्या जमीर नहीं जागेगा मेरा? मुझे गालियां दी गईं। मेरी मां के लिए कहा गया कि जिसने मुझे पैदा किया वो मां गद्दार है।'
मालूम हो कि पिछले दिनों गुरदास मान ने अपने विदेशी दौरे के दौरान उन युवाओं के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था जो उनके शो का विरोध कर रहे थे। वहीं इससे पहले उन्होंने मातृभाषा को लेकर कहा था कि पहले हिंदी उनकी मातृभाषा है और फिर पंजाबी। पर सबसे तगड़ा विवाद तब हुआ जब गुरदास मान ने साल 2021 में नकोदर के डेरा बाबा मुराद शाह मेले में दिए भाषण में कहा था कि वहां स्थित दरगाह के लाडी साईं सिखों के तीसरे गुरु, गुरु अमर दास जी के वंशज हैं।