MeToo केस में नाना पाटेकर को मिली राहत, कोर्ट ने तनुश्री दत्ता के यौन शोषण के आरोपों को किया खारिज

Edited By Mehak, Updated: 08 Mar, 2025 11:34 AM

nana patekar gets relief in metoo case

मुंबई की एक अदालत ने अभिनेत्री तनुश्री दत्ता की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ केस की जांच दोबारा शुरू करने की मांग की थी। यह मामला साल 2018 में तनुश्री द्वारा लगाए गए #MeToo आरोपों से जुड़ा है। तनुश्री...

बाॅलीवुड तड़का : मुंबई की एक अदालत ने अभिनेत्री तनुश्री दत्ता की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ केस की जांच दोबारा शुरू करने की मांग की थी। यह मामला साल 2018 में तनुश्री द्वारा लगाए गए #MeToo आरोपों से जुड़ा है।

क्या था पूरा मामला?

तनुश्री दत्ता ने साल 2008 में आई फिल्म 'हॉर्न ओके प्लीज' के सेट पर नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था। इस घटना के 10 साल बाद, अक्टूबर 2018 में उन्होंने मुंबई के ओशिवरा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई। इस मामले ने भारत में मीटू आंदोलन को और तेज कर दिया, जिसमें कई महिलाओं ने अपने साथ हुए यौन शोषण के मामले सोशल मीडिया पर साझा किए।

पुलिस जांच और कोर्ट का फैसला

मुंबई पुलिस ने इस मामले की जांच करने के बाद साल 2019 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी। पुलिस ने रिपोर्ट में बताया कि उन्हें नाना पाटेकर के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला, इसलिए इस FIR को झूठा मानते हुए मामले को बंद कर दिया गया। पुलिस की इस क्लोजर रिपोर्ट को 'बी-समरी' कहा जाता है, जिसका मतलब है कि शिकायत में कोई दम नहीं है और आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। इसके बाद तनुश्री दत्ता ने कोर्ट में याचिका दायर कर इस रिपोर्ट को खारिज करने और दोबारा जांच शुरू करने की मांग की। हालांकि, अदालत ने उनकी यह याचिका खारिज कर दी।

कोर्ट ने याचिका क्यों खारिज की?

  • शिकायत देर से दर्ज हुई: अदालत ने कहा कि यह घटना 2008 की है, जबकि FIR 2018 में दर्ज की गई, यानी 10 साल की देरी हुई। भारतीय कानून के अनुसार, इस तरह के मामलों में अधिकतम 3 साल के भीतर शिकायत दर्ज करनी होती है।
  • देरी का कारण नहीं बताया: कोर्ट ने यह भी कहा कि तनुश्री ने शिकायत दर्ज कराने में हुई देरी के लिए कोई ठोस कारण नहीं दिया और न ही इस देरी को माफ करने के लिए कोई कानूनी आवेदन दायर किया।
  • जांच में कोई सबूत नहीं मिला: पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिला, जिससे यह साबित हो कि नाना पाटेकर ने कोई गलत काम किया था।

कोर्ट का बयान

न्यायिक मजिस्ट्रेट एनवी बंसल ने कहा, 'अगर बिना किसी ठोस कारण के इतनी देरी को माफ कर दिया जाए, तो यह कानून की भावना और समानता के सिद्धांत के खिलाफ होगा।'

क्या नाना पाटेकर पर कोई कार्रवाई होगी?

चूंकि पुलिस की जांच में नाना पाटेकर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला और अदालत ने भी तनुश्री दत्ता की याचिका खारिज कर दी है, इसलिए इस मामले में अब कोई आगे की कानूनी कार्रवाई संभव नहीं है।

मीटू आंदोलन और इसका असर

तनुश्री दत्ता के इस मामले के बाद भारत में #MeToo आंदोलन ने जोर पकड़ा और कई महिलाओं ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले सामने लाए। हालांकि, कई मामलों में आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिलने के कारण केस बंद भी कर दिए गए।


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!