'मैं महामंडलेश्वर यमाई ममता नंद गिरी, इस पद से इस्तीफा दे रही हूं'- ममता कुलकर्णी का बड़ा फैसला

Edited By suman prajapati, Updated: 10 Feb, 2025 05:38 PM

mamta kulkarni resigned from the post of mahamandaleshwar

बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को लेकर हाल ही में बड़ी खबर सामने आई है। एक्ट्रेस ने महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बात की जानकारी हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए फैंस को दी है।

मुंबई. बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को लेकर हाल ही में बड़ी खबर सामने आई है। एक्ट्रेस ने महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बात की जानकारी हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए फैंस को दी है। 

अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में अपना एक वीडियो शेयर कर ममता कुलकर्णी ने कहा, "मैं महामंडलेश्वर यमाई ममता नंद गिरी, इस पद से इस्तीफा दे रही हूं। आज किन्नर अखाड़े और दोनों अखाड़ों के बीच जो मुझे लेकर महामंडलेश्वर की उपाधि को लेकर विवाद हो रहे हैं, मैं एक साध्वी थी 25 वर्षों से और मैं साध्वी ही रहूंगी।"

 

 

किन्नर अखाड़े से निष्कासन और विवाद

बीते कुछ समय में ममता कुलकर्णी, जिन्हें यामाई ममता नंद गिरी के नाम से भी जाना जाता है, को किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था। इस फैसले के पीछे की वजह यह थी कि साधु-संतों के बीच ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर भारी नाराजगी थी। दरअसल, किन्नर अखाड़े के भीतर इस मुद्दे पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। वैष्णव किन्नर अखाड़े ने इस प्रक्रिया को फर्जी और अवैध करार दिया था। इसके परिणामस्वरूप, किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए थे। अखाड़े ने इसके बाद ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया, साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया था।

 
24 जनवरी 2025 को ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में सन्यास लेने का निर्णय लिया था। उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से आशीर्वाद लिया, जिन्होंने उनका पट्टाभिषेक किया। इस मौके पर ममता ने अपने जीवन के इस नए अध्याय की शुरुआत की और सन्यास लिया। ममता कुलकर्णी 25 साल बाद भारत लौटीं और महाकुंभ में भाग लिया। वह 12 वर्षों की तपस्या के बाद 2012 में कुंभ मेला भी शामिल हुई थीं।

महाकुंभ में उनके लौटने के बाद उन्होंने किन्नर अखाड़े से जुड़ने का निर्णय लिया था और फिर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई। उनका पट्टाभिषेक भी किया गया था। इस मौके पर उन्होंने पिंडदान भी किया था। 

 

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!