Edited By Jyotsna Rawat, Updated: 04 Feb, 2025 03:13 PM
'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव' एक दिल छू लेने वाली कहानी है नासिर शेख की, जो मालेगांव का एक शौकिया फिल्ममेकर है।
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। 'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव' एक दिल छू लेने वाली कहानी है नासिर शेख की, जो मालेगांव का एक शौकिया फिल्ममेकर है। उसके साथ है दोस्तों की एक अनोखी टोली, जो कम संसाधनों में भी बड़े सपने देखने से पीछे नहीं हटती। रीमा कागती के डायरेक्शन में बनी ये फिल्म इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल सर्किट में खूब तारीफें बटोर चुकी है। 2024 में 49वें टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (TIFF) में शानदार प्रीमियर से लेकर 68वें BFI
लंदन फिल्म फेस्टिवल और 36वें पाम स्प्रिंग्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल तक, जहां इसे यंग सिनेएस्ट अवॉर्ड में स्पेशल मेंशन मिला—इस फिल्म ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी है। ये 4वें रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाई गई थी। फेस्टिवल सर्किट में धमाल मचाने के बाद, अब ये फिल्म 28 फरवरी को अमेरिका, यूके, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंडिया में थिएटर्स में रिलीज़ होने के लिए तैयार है।
ये फिल्म नासिर शेख की जिंदगी और उसके सफर को दिखाती है। द सैटरडे इवनिंग पोस्ट के मुताबिक, ये एक सादा, मजेदार और जीत की कहानी है—ऐसे लोगों की जो अपने पैशन के पीछे भागते हैं और फिर हैरानी के साथ ये महसूस करते हैं कि दुनिया तो कब से उनके इस जुनून को अपनाने के लिए तैयार थी। ये सिर्फ एक उदाहरण है कि कैसे इस फिल्म ने दुनियाभर के दर्शकों और क्रिटिक्स के दिलों को छू लिया है! द गार्डियन और कई दूसरे क्रिटिक्स ने इसे "सिनेमा के दीवाने अंडरडॉग्स की जोशीली और दिल छू लेने वाली कहानी" कहा है। ये फिल्म मालेगांव को सही मायनों में दुनिया के सामने लेकर आई है।
जैसा कि द सैटरडे इवनिंग पोस्ट ने बिल्कुल सही कहा है, "सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगांव" के ये रियल-लाइफ फिल्ममेकर सिर्फ अपने शहर के हीरो नहीं बने, बल्कि उन्होंने एक ऐसा नया इंडियन फिल्म जॉनर बना दिया, जो आज भी जिंदा है। वहीं, डेडलाइन के पीट हैमंड ने इस फिल्म को एक अलग ही अंदाज़ में बयां किया है। उनके मुताबिक, "ये एक फील-गुड कमिंग-ऑफ-एज स्टोरी है, जिसमें 'सिनेमा पैराडाइसो', 'द फैबेलमैन्स', 'ब्रेकिंग अवे' और 'स्टैंड बाय मी' का खूबसूरत मेल है।"
सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगांव ने अपनी अनोखी कहानी और सिनेमा की क्लासिक्स से मिलती-जुलती वाइब के चलते इंटरनेशनल मार्केट में जबरदस्त चर्चा बटोरी है। द रैप के मुताबिक, ये फिल्म "एक ऐसी दिल जीतने वाली कहानी है, जहां कुछ मज़ेदार और जिद्दी लोग मिलकर एक शो करने का फैसला लेते हैं।"
वहीं, अगर आपको इसे थिएटर में देखने की और कोई वजह चाहिए, तो वैरायटी ने इसे बेहतरीन अंदाज़ में समझाया है—"एक वक्त के बाद थिएटर में बैठा दर्शक भी फिल्म के किरदारों के साथ जुड़ने लगता है, और ये कनेक्शन इतना गहरा हो जाता है कि फिल्म देखते हुए एक तरह की कम्युनिटी वाली फीलिंग आने लगती है। बहुत कम फिल्में इतनी खूबसूरती से ये एहसास दिला पाती हैं कि आखिर लोग अब भी सिनेमा हॉल क्यों जाते हैं।"
सिनेफाइल रिव्यूज का कहना है कि सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक एहसास है। ये दोस्ती, जुनून और सिनेमा के जादू का जश्न है। तो तैयार हो जाइए अमेज़न एमजीएम स्टूडियोज, एक्सेल एंटरटेनमेंट और टाइगर बेबी की इस खास फिल्म का जादू बड़े पर्दे पर 28 फरवरी को थिएटर्स में जरूर देखें।