Edited By suman prajapati, Updated: 20 Dec, 2024 12:24 PM
फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा इन दिनों अपनी नई फिल्म 'जीरो से रिस्टार्ट' को लेकर सुर्खियों में हैं। इसी बीच फिल्म के प्रमोशन के दौरान उन्होंने इंडस्ट्री में हो रही बेईमान मार्केटिंग और बॉक्स ऑफिस आंकड़ों में हेरफेरी को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया...
मुंबई. फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा इन दिनों अपनी नई फिल्म 'जीरो से रिस्टार्ट' को लेकर सुर्खियों में हैं। इसी बीच फिल्म के प्रमोशन के दौरान उन्होंने इंडस्ट्री में हो रही बेईमान मार्केटिंग और बॉक्स ऑफिस आंकड़ों में हेरफेरी को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है।
हाल ही में एक इंटरव्यू में विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म इंडस्ट्री की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कुछ निर्माता अपनी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस आंकड़े बढ़ाने के लिए धोखाधड़ी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों के टिकट खुद खरीदकर आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हैं और झूठे बॉक्स ऑफिस नंबर फैलाते हैं। वह अपनी ईमानदारी बनाए रखने के लिए फिल्म इंडस्ट्री के आयोजनों में भाग लेने से बचते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "आजकल की मार्केटिंग झूठ से भरी हुई है। नकली कहानियों को बढ़ावा देने के लिए प्रभावशाली लोगों को पैसे दिए जाते हैं। जब थिएटर खाली होते हैं, तो निर्माता अपने ही टिकट खरीदते हैं और झूठे आंकड़े दिखाते हैं।"
विधु ने अपनी फिल्म 'जीरो से रिस्टार्ट' के प्रदर्शन को लेकर भी अपनी ईमानदारी को बनाए रखा और कहा कि वह इसे गलत तरीके से पेश करने से इंकार करते हैं। उन्होंने कहा, "मैं ईमानदारी से कह रहा हूं कि मेरी फिल्म कल रिलीज हुई और बहुत कम लोग आए। कोई और यह स्वीकार नहीं करेगा कि उनकी फिल्म की शुरुआत अच्छी नहीं रही।"
विधु ने यह भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में ईमानदारी एक दुर्लभ गुण बनकर रह गया है और उन्होंने इस गुण के साथ आगे बढ़ने पर गर्व महसूस किया। उन्होंने कहा, "मुझे गर्व है कि मैं कठिन समय में भी अपनी ईमानदारी के साथ खड़ा हूं, क्योंकि यह गुण अब फिल्म इंडस्ट्री में बहुत कम दिखता है।"
विद
आगे कहा, 'मैं शायद ही कभी किसी कार्यक्रम या पुरस्कार समारोह में जाता हूं। मैं खुद को टॉक्सिक माहौल से बचाना चाहता हूं। हम अच्छे पैदा होते हैं, लेकिन समय के साथ हम बुरे बन जाते जाते हैं। मैं इससे बचने की कोशिश कर रहा हूं।' उन्होंने फिल्म उद्योग में अपने सफर के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, 'मैंने सफलताएं भी देखी हैं और असफलताएं भी देखी हैं, लेकिन मेरा लक्ष्य कभी भी कलेक्शन का पीछा करना नहीं रहा। इसके बजाय मैं सार्थक सिनेमा बनाने पर ध्यान केंद्रित करता हूं, जो दर्शकों को पसंद आए।'