Edited By suman prajapati, Updated: 23 Jul, 2025 04:40 PM

मनोरंजन जगत से एक के बाद एक बुरी खबरें सामने आ रही हैं। हाल ही में फिर एक दिल तोड़ने वाली खबर सामने आई है। भारत के सबसे प्रभावशाली रंगमंच निर्देशकों और नाटककारों में शुमार रतन थियम का आज निधन हो गया है। वह 77 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह...
मुंबई. मनोरंजन जगत से एक के बाद एक बुरी खबरें सामने आ रही हैं। हाल ही में फिर एक दिल तोड़ने वाली खबर सामने आई है। भारत के सबसे प्रभावशाली रंगमंच निर्देशकों और नाटककारों में शुमार रतन थियम का आज निधन हो गया है। वह 77 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं।
रतन थियम अपने अंतिम दिनों में बीमार चल रहे थे औ उन्होंने रिम्स अस्पताल में जिंदगी की अंतिम सांस ली।

आधुनिक भारतीय रंगमंच की महान हस्ती और 'थिएटर ऑफ़ रूट्स' आंदोलन के एक प्रमुख स्तंभ माने जाने वाले थियम का नाट्य कलाओं में योगदान लगभग पांच दशकों तक रहा। उन्होंंने 1987 से 1989 तक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के निदेशक और बाद में 2013 से 2017 तक इसके अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्होंने संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष पद पर भी कार्य किया।
श्री थियम को कई पुरस्कार भी मिले। उन्हें निर्देशन के लिए 1987 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और बाद में 2012 में प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी फ़ेलोशिप से सम्मानित किया गया। साल 1989 में, भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। उनकी अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों में इंडो-ग्रीक फ्रेंडशिप अवार्ड (1984), जॉन डी. रॉकफेलर अवार्ड (2008), और मेक्सिको तथा ग्रीस के समारोहों में प्राप्त सम्मान शामिल हैं।