Edited By Smita Sharma, Updated: 30 May, 2022 11:38 AM

अक्सर यह कहते हैं कि दिनभर में एक बार सरस्वती जुबान पर वास लेती हैं और उस समय बोला गया शब्द पत्थर की लकीर हो जाता है। ऐसा ही कुछ पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के साथ भी हुआ। ''ओह चौबर दे चेहरे उत्ते नूर दसदां.. एहदा उठेगा जवानी विच जनाजा...
मुंबई: अक्सर यह कहते हैं कि दिनभर में एक बार सरस्वती जुबान पर वास लेती हैं और उस समय बोला गया शब्द पत्थर की लकीर हो जाता है। ऐसा ही कुछ पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के साथ भी हुआ।
'ओह चौबर दे चेहरे उत्ते नूर दसदां.. एहदा उठेगा जवानी विच जनाजा मिठ्ठिये’ सिद्धू मूसेवाला के ये बोल सच हो गए। सिद्धू मूसेवाला ने जब ये गाना गाया था उस समय खुद सिद्धू को नहीं पता था कि सिर्फ दो हफ्ते में यह बात सच हो जाएगी।

उम्र के हिसाब से रुतबा दोगुना अपने rules के हिसाब से थोड़ा कुछ ज्यादा ही चलता है आंखों में अलग-सी उमंग नजर आती है.. मैं ऐसे ही दुनिया से अलग चलता हूं। मैंने पिछले जन्म में कोई अच्छे कर्म किए होंगे या फिर भगवान हम पर मेहरबान... जवान लड़के की आंखों से सबकुछ बयां हो जाता है। बयां हो रहा है कि जवानी में ही जनाजा उठ जाएगा। जमाने का तख्तापलट हो गया है, रस्म-रिवाज बदल गए हैं। मर्द अपनी प्रेमिका की तरह मौत का इंतजार करता है क्या पता मौत कब आ जाए या दस्तक दे जाए। सिद्धू मूसेवाला जीते जी अमर हो गए हैं।
जवान लड़के की आंखों में सबकुछ बयां हो जाता है। बयां हो रहा है कि इसका जवानी में ही जनाजा उठ जाएगा। इस गाने में सिद्धू मूसेवाला ने 'जवानी में जनाजा उठने' से लेकर 'पिछले जन्म और इस जन्म के कर्म', 'बड़े लोगों के साथ रिश्ते और दुश्मनी बनाने' जैसी कई बातें लिखीं जो कहीं न कहीं उनकी अपनी जिंदगी से मेल खाती हैं।

सिद्धू मूसेवाला सिर्फ 28 साल के थे। 11 जून को उनका जन्मदिन आने वाला था।उससे पहले ही रविवार को मनसा जिले में उनके गांव से सिर्फ 4 किलोमीटर दूरी पर दिनदहाड़े गोली मारकर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई। सिद्धू मूसेवाला की मौत से पूरा देश हैरान है। हर कोई ट्वीट और पोस्ट शेयर कर सिद्धू मूसेवाला की आत्मा की शांति की प्रार्थना कर रहा है।