ईद पर सायरा बानो ने शेयर की पुरानी यादें, बताया कैसे त्योहार मनाते थे पति दिलीप कुमार

Edited By suman prajapati, Updated: 01 Apr, 2025 11:20 AM

saira bano shared old memories with dilip kumar on eid

31 मार्च को देशभर खूब धूमधाम से ईद का त्योहार मनाया गया। जहां सभी इस मौके पर ईद के जश्न में डूबे नजर आए, वहीं एक्ट्रेस सायरा बानो अपने दिवंगत पति और दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार की यादों में खोई नजर आईं। उन्होंने ईद पर अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट...

मुंबई.  31 मार्च को देशभर खूब धूमधाम से ईद का त्योहार मनाया गया। जहां सभी इस मौके पर ईद के जश्न में डूबे नजर आए, वहीं एक्ट्रेस सायरा बानो अपने दिवंगत पति और दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार की यादों में खोई नजर आईं। उन्होंने ईद पर अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने दिवंगत पति का एक थ्रोबैक वीडियो शेयर किया, जो खूब वायरल हो रहा है।

सायरा बानो द्वारा शेयर किए वीडियो में देखा जा सकता है कि दिलीप कुमार को फिल्म जगत के अपने दोस्तों और परिवार के साथ अलग-अलग मौकों पर ईद मनाते हुए नजर आ रहे हैं।

 

वीडियो के कैप्शन में सायरा बानो ने लिखा, जब मैं छोटी थी और रमजान का पवित्र महीना आता था, तो हमारा घर सिर्फ रोशनी की झिलमिलाहट से नहीं, बल्कि दुआओं से जगमगाता था। हवा में कुछ खास था, एक शांति जो उपवास, प्रार्थना और चिंतन से आती थी। फिर भी, दिलीप साहब से मेरी शादी के बाद ही ईद ने अपना जीवन शुरू किया। हमारा घर जो सिर्फ हमारा था; एक ऐसी जगह बन गया जहां प्यार, सद्भावना और बंधन रहते थे। सुबह होते ही घर को बड़े प्यार से भेजे गए फूलों से सजाया जाता था।हमारा घर बिना दीवारों वाला था, ऐसा घर जहां कोई दरवाजा बंद नहीं रहता था। फिल्म बिरादरी के दोस्त, फैंस और अजनबी एक के बाद एक आते थे। साहब के लिए दयालु लोगों की संगति से बढ़कर कोई खुशी नहीं थी, प्यार पाने और देने से ज्यादा कोई धन नहीं था। उनका मानना था कि एक आदमी की कीमत उसकी उपलब्धियों में नहीं बल्कि उसके दिलों में होती है और उन्होंने ऐसा सहजता से किया। किसी भी चीज़ से ज़्यादा, साहब मानवता में विश्वास करते थे, क्योंकि यह कुछ मूर्त है जिसे छोटे-छोटे इशारों में जिया और महसूस किया जा सकता है। सायरा बानो ने दिलीप कुमार को याद करते हुए कहा कि जिस तरह से एक इंसान दूसरे के जीवन को प्रभावित कर सकता है। वह व्याख्या से परे है, इसकी शक्ति लगभग दूसरी दुनिया की है और वह उस सिद्धांत के अनुसार जीते थे।

सायरा बानो ने लिखा, साहब के अंदर इतनी दुर्लभ सहानुभूति थी कि उसमें मतभेदों को मिटाने, खाई को पाटने और उन लोगों को एकजुट करने की शक्ति थी जिन्हें दुनिया ने अलग-थलग समझा था। सिर्फ़ मैं ही नहीं, बल्कि कई अन्य लोग भी उनकी दया होने की शांत गंभीरता, किसी को अच्छाई में विश्वास दिलाने की उनकी क्षमता से आकर्षित हुए और इसलिए हमारे घर में ईद हमेशा आत्माओं का जमावड़ा, एकता का उत्सव, समय का एक ऐसा क्षण होता था जब दुनिया, थोड़े समय के लिए और अद्भुत समय के लिए, वैसी ही लगती थी जैसी उसे होनी चाहिए।

सायरा ने अंत में उन सभी लोगों का शुक्रिया किया, जो उनके घर में ईद मनाने आए और कहा कि समय भले ही बीत जाए, लेकिन उनकी यादें हमेशा जिंदा रहेंगी।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Kolkata Knight Riders

Sunrisers Hyderabad

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!