किन्नर अखाड़ा से Mamta Kulkarni को निष्कासित करने के 5 बड़े कारण आए सामने

Edited By Mehak, Updated: 01 Feb, 2025 04:26 PM

reasons came to light for expelling mamta kulkarni from kinnar akhara

ममता कुलकर्णी को महज सात दिनों में किन्नर अखाड़ा से महामंडलेश्वर का पद छोड़ना पड़ा। किन्नर अखाड़ा ने उनका निष्कासन कई कारणों से किया, जिनमें उनकी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी पृष्ठभूमि, सन्न्यास की परंपराओं का पालन न करना, और उनके पहनावे से संबंधित...

बाॅलीवुड तड़का : ममता कुलकर्णी से सिर्फ सात दिन बाद ही महामंडलेश्वर का पद किन्नर अखाड़ा द्वारा वापस ले लिया गया है। ममता कुलकर्णी ने हाल ही में सन्यास लिया था और किन्नर अखाड़ा में शामिल होने के बाद उन्हें यह पद दिया गया था, जो महा कुंभ के दौरान हुआ था।

ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़ा से जुड़ने से पहले कई विवाद खड़े हुए थे, और अखाड़ा के अंदर एक मतभेद था कि उन्हें यह पद क्यों दिया गया। लेकिन अब यह मुद्दा सुलझा लिया गया है।

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किन्नर अखाड़ा के संस्थापक 'ऋषि अजय दास' ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया और इसकी वजह के बारे में एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि ममता को महामंडलेश्वर का पद देना सही नहीं था क्योंकि उन्होंने पहले सन्यास की प्रक्रिया पूरी नहीं की थी। किन्नर अखाड़ा का कहना था कि किसी व्यक्ति को महामंडलेश्वर बनने के लिए पहले उसे सन्यासी बनना होता और उसके बाद यह पद मिल सकता था।

इसके अलावा, ममता कुलकर्णी का फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ पृष्ठभूमि और उनका बोल्ड इमेज भी विवाद का कारण बना। 1990 के दशक में उनकी टॉपलेस फोटोशूट ने कई किन्नर अखाड़ा के सदस्यों को आपत्ति दी थी।

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कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार ममता कुलकर्णी का नाम अंडरवर्ल्ड से भी जुड़ा हुआ था। कहा जाता है कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री छोड़कर दुबई में कथित ड्रग माफिया विकी गोस्वामी से शादी की थी, और उनके खिलाफ एक गिरफ्तारी वारंट भी जारी हुआ था। ममता पर देशद्रोह और संगठित अपराध से जुड़ी गतिविधियों का आरोप भी था।

अखाड़ा के नियमों के अनुसार, महामंडलेश्वर बनने के लिए व्यक्ति को सन्यासी होना जरूरी है और सिर मुंडवाने की परंपरा पूरी करनी पड़ती है। ममता कुलकर्णी ने यह परंपरा नहीं निभाई थी, इसलिए उनका महामंडलेश्वर पद सही नहीं माना गया।

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इसके अलावा, किन्नर अखाड़ा के नियमों के मुताबिक, सन्यासियों को वैजंती माला पहननी होती है, लेकिन ममता कुलकर्णी ने रुद्राक्ष माला पहनी थी, जो अखाड़ा के नियमों के खिलाफ था।

इन सब कारणों से किन्नर अखाड़ा के सदस्यों में असहमति पैदा हुई और अंततः ममता कुलकर्णी और आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पद से हटा दिया गया। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने 2015-16 के उज्जैन कुम्भ में महामंडलेश्वर का पद प्राप्त किया था।



 

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