Edited By suman prajapati, Updated: 27 Sep, 2020 05:00 PM
दिवंगत फिल्ममेकर यश चोपड़ा का आज बर्थडे है। अगर आज यश चोपड़ा हमारे बीच होते तो वो अपना 88वां बर्थडे सेलिब्रेट करते। इस खास दिन पर उनके फैंस और करीबी उन्हें दिल से याद कर रहे हैं। यश के बेटे और फिल्ममेकर आदित्य चोपड़ा ने अपने दिवंगत पिता को खास अंदाज...
बॉलीवुड तड़का टीम. दिवंगत फिल्ममेकर यश चोपड़ा का आज बर्थडे है। अगर आज यश चोपड़ा हमारे बीच होते तो वो अपना 88वां बर्थडे सेलिब्रेट करते। इस खास दिन पर उनके फैंस और करीबी उन्हें दिल से याद कर रहे हैं। यश के बेटे और फिल्ममेकर आदित्य चोपड़ा ने अपने दिवंगत पिता को खास अंदाज में याद किया है और उनके लिए एक लंबा चोड़ा पोस्ट भी लिखा है। वहीं फिल्ममेकर करण जोहर ने भी अपने गुरू के लिए स्पेशल पोस्ट शेयर किया है।
आदित्य चोपड़ा ने प्रोडक्शन हाउस यशराज फिल्म्स के साथ अपने अनुभव को शेयर किया है। बता दें आज यशराज फिल्म्स के भी 50 साल पूरे हो गए हैं। आदित्य ने अपने पोस्ट में लिखा, "1970 में, मेरे पिता यश चोपड़ा ने अपने भाई श्री बीआर चोपड़ा के साथ, सेफजोन और आराम को छोड़कर अपनी खुद की कंपनी बनाई। तब तक, वह बीआर फिल्म्स का एक वेतनभोगी कर्मचारी थे और उसका अपना सरमाया भी नहीं था। वे नहीं जानते थे कि एक कारोबार कैसे चलाया जाया है। उन्हें इस बात की भी खबर नहीं थी कि एक कंपनी को चलाने के लिए किन चीजों की जरूरत पड़ती है। वह अपनी प्रतिभा और आत्मनिर्भर होने के सपने के प्रति दृढ़ विश्वास रखते थे।
यश के बेटे ने आगे लिखा,"एक रचनात्मक व्यक्ति के खुद को और अपनी कला के अलावा कुछ भी नहीं करने का दृढ़ विश्वास यश राज फिल्म्स को जन्म देता है। राजकमल स्टूडियो वाले वी शांताराम ने विनम्रतापूर्वक उन्हें अपने कार्यालय के लिए स्टूडियो में एक छोटा कमरा दिया। मेरे पिता को तब पता नहीं था, कि जिस छोटी सी कंपनी की शुरुआत उन्होंने एक छोटे से कमरे में की थी, वह एक दिन भारतीय फिल्म उद्योग की सबसे बड़ी फिल्म कंपनी बन जाएगी।"
आज, यशराज फिल्म्स 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इसलिए, इस नोट को लिखते समय, मैं यह जानने का प्रयास कर रहा हूं कि आखिर इन 50 वर्षों की कामयाबी का राज क्या है? क्या यह यश चोपड़ा की रचनात्मक प्रतिभा है? क्या यह उनके 25 साल के जिद्दी बेटे का साहसिक विजन है? या ऐसा बस किस्मत से हो गया है? इनमें से कोई भी कारण नहीं है। इस कामयाबी का कारण हैं... लोग। वो लोग जिन्होंने पिछले 50 वर्षों में YRF की हर फिल्म में काम किया। मेरे पिताजी एक शायर की कुछ पंक्तियों से अपने सफर का वर्णन किया करते थे... मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर… लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया। मुझे इस बात को पूरी तरह समझने में 25 साल लग गए। YRF 50 का राज 'लोग' हैं...
ये पोस्ट शेयर करते हुए आदित्य ने कैप्शन में लिखा, फ़िल्मों का जश्न मनाते 50 साल, आपको मनोरंजित करते 50 साल। इस अवसर पर आदित्य चोपड़ा के दिल से निकले कुछ भावपूर्ण शब्द।
वहीं फिल्ममेकर करण जौहर ने अपने गुरू को विश करते हुए लिखा, उनकी फिल्मों ने मुझे फिल्मों से प्यार सिखाया... मेरे सिर पर उनके हाथ ने मुझे कैमरे के पीछे लंबे समय तक खड़े रहने की ताकत दी। यश चोपड़ा सिर्फ एक फिल्म निर्माता नहीं थे, बल्कि एक बोनाफाइड संस्थान ... एक विरासत इतनी खूबसूरती से और शानदार ढंग से आगे ले गए मेरे गुरु और शिक्षक आदित्य चोपड़ा।