नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने शादियों में नाचने वाले बॉलीवुड एक्‍टर्स को बताया 'भांड', कहा- भारी भरकम पैसे लेकर प्राइवेट पार्टीज में नाचने..

Edited By suman prajapati, Updated: 09 May, 2025 03:48 PM

nawazuddin siddiqui called bollywood actors who dance at weddings  buffoon

बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म कोस्टाओ को लेकर खूब चर्चा में हैं। इसी बीच वह मीडिया को बैक-टू-बैक इंटरव्यू दे रहे हैं। बीते दिनों उन्‍होंने एक बयान में बॉलीवुड पर 'चोरी' का आरोप लगाया था। वहीं, अब उन्‍होंने...

मुंबई. बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म कोस्टाओ को लेकर खूब चर्चा में हैं। इसी बीच वह मीडिया को बैक-टू-बैक इंटरव्यू दे रहे हैं। बीते दिनों उन्‍होंने एक बयान में बॉलीवुड पर 'चोरी' का आरोप लगाया था। वहीं, अब उन्‍होंने शादियों और प्राइवेट पार्टीज में पैसे लेकर परफॉर्म करने वाले एक्‍टर्स की तुलना 'भांड' से की है। हालांकि, नवाज ने यह भी कहा है कि वह इसे गलत नहीं मानते, क्‍योंकि उनके मुताबिक हर कलाकर भांड ही होता है।

 

दरअसल, अनुराग कश्‍यप की फिल्‍म 'देव डी' में नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक गाने 'इमोशनल अत्याचार' में नजर आए थे। इसमें वह कुछ इसी अंदाज में एक कार्यक्रम में स्‍टेज पर डांस कर रहे थे और गाना गा रहे थे। एक्‍टर का कहना है कि इस गाने की शूटिंग के दौरान सेट पर उनका अनुभव अच्‍छा नहीं था। अपनी बात आगे बढ़ाते हुए नवाजुद्दीन ने स्‍वीकार किया कि उन्हें अपने साथी बॉलीवुड एक्‍टर्स के भारी भरकम पैसे लेकर प्राइवेट पार्टीज में नाचने से कोई समस्या नहीं है, बल्‍क‍ि अगर वो भी ऐसा कर सकते तो जरूर करते।


नवाजुद्दीन स‍िद्दीकी ने यूट्यूब चैनल 'ऑल अबाउट ईव' से बातचीत में कहा कि कलाकार मूल रूप से ‘भांड' (लोक मनोरंजन करने वाले) होते हैं, जिन्हें बीते दौर में सभ्य समाज के लिए फ‍िट नहीं माना जाता था। जब एक्टर से पूछा गया कि वे शादी में नाचना पसंद करेंगे? इस पर उन्होंने जवाब दिया, 'हां, क्यों नहीं? इसमें क्या गलत है? यह हमारे पेशे का हिस्सा है। लोग शिकायत करते हैं कि एक्‍टर्स शादियों में नाचते हैं, लेकिन समस्या क्या है? आखिरकार, हम सभी 'भांड' हैं।'

 

एक्‍टर ने आगे कहा, 'क्या आप जानते हैं कि पहले 'भांड' को सभ्य समाज में घुलने-मिलने की इजाजत नहीं थी? उन्हें अयोग्य माना जाता था। उन्हें ऐसे लोगों के रूप में देखा जाता था जिनकी कोई विचारधारा नहीं थी, उनका समा पर बुरा प्रभाव था। उन्हें गांवों के बाहर टेंट में रखा जाता था और सिर्फ परफॉर्मेंस के वक्‍त गांव में एंट्री की इजाजत दी जाती थी। एक बार कार्यक्रम खत्‍म हुआ, तो उन्‍हें वापस भेज दिया जाता था।'

नवाज ने कहा कि वक्‍त के साथ कलाकारों को लेकर चीजें इसलिए बदल गईं, एक्‍टर्स अब अमीर और सुसंस्‍कृत हैं। उन्होंने कहा, 'जब लोग शादियों में नाचने के लिए उनसे सवाल करते हैं तो वह परेशान हो जाते हैं, लेकिन 'भांडगीरी' जारी रहती है।'

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