Edited By Mehak, Updated: 30 Apr, 2025 04:25 PM

अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी को उनके दमदार अभिनय और सादगीभरे अंदाज़ के लिए जाना जाता है। जहां कई अभिनेता चकाचौंध और शोहरत के पीछे भागते हैं, वहीं नवाजुद्दीन इससे दूर रहना पसंद करते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी सोच, बचपन और फिल्मी सफर...
बाॅलीवुड तड़का : अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी को उनके दमदार अभिनय और सादगीभरे अंदाज़ के लिए जाना जाता है। जहां कई अभिनेता चकाचौंध और शोहरत के पीछे भागते हैं, वहीं नवाजुद्दीन इससे दूर रहना पसंद करते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी सोच, बचपन और फिल्मी सफर को लेकर खुलकर बात की।
भीड़ में रहना पसंद है नवाज को
नवाजुद्दीन ने कहा, 'मेरे लिए खुद को दूसरों से अलग दिखाना मुश्किल है। मुझे अच्छा लगता है जब मैं किसी कोने में चुपचाप बैठा होता हूं और कोई मुझे नहीं देख रहा होता... बल्कि मैं लोगों को देख रहा होता हूं।' उन्होंने आगे कहा कि उन्हें ऐसा लगता है जैसे ये पूरी दुनिया 70 मिमी की एक फिल्म हो, जिसे वह दर्शक बनकर देख रहे हैं।
बुढाना से बॉलीवुड तक का सफर
नवाजुद्दीन का जन्म उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले के एक छोटे से कस्बे बुढाना में हुआ था। वहां न कोई साहित्यिक माहौल था और न ही कोई सांस्कृतिक गतिविधियां। बस एक कच्चा थिएटर था, जिसमें ज्यादातर सी-ग्रेड फिल्में दिखाई जाती थीं। नवाज ने बताया, मैं उन्हीं C-Grade फिल्मों को देखकर बड़ा हुआ हूं। बाद में उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में दाखिला लिया, जहां उन्हें पहली बार असली और वैश्विक सिनेमा को समझने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि एनएसडी में पढ़ते समय वे उन बॉलीवुड फिल्मों से दूर रहे जो उस वक्त चर्चित थीं और बाद में उन्होंने उन्हें देखा।

हर किरदार को मानते हैं चुनौती
नवाजुद्दीन का मानना है कि अभिनय उनके लिए सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि एक जुनून है। उन्होंने कहा, 'मेरे पसंदीदा किरदार वे होते हैं जो आम ज़िंदगी में नजर नहीं आते। जिनकी कोई खास पहचान नहीं होती, जो भीड़ में खो जाते हैं।' उन्हें ऐसे किरदार निभाना ज्यादा अच्छा लगता है, जिन्हें देखकर दर्शक सोचें- ये तो हमारे आस-पास का ही कोई व्यक्ति है।

'भीड़ में गुम हो जाना ही मेरी पहचान है'
नवाज का मानना है कि असल जिंदगी में भी वह किसी से अलग दिखना नहीं चाहते। उन्होंने बताया कि उनके दोस्त, जैसे कि अभिनेता मनोज बाजपेयी, अक्सर कहते हैं कि 'अगर नवाज को भीड़ में खड़ा कर दो तो पहचानना मुश्किल हो जाएगा।' और नवाज को यही सबसे ज्यादा पसंद है- साधारण दिखना, साधारण रहना।