Movie Review: समाज को आईना दिखाती नाना पाटेकर और उत्कर्ष शर्मा की वनवास

Edited By Jyotsna Rawat, Updated: 20 Dec, 2024 01:21 PM

nana patekar and utkarsh sharma movie vanvaas review in hindi

निर्माता निर्देशक अनिल शर्मा ने आज के दौर की एक प्रासंगिक कहानी लेकर समाज में सवाल उठाने का प्रयास किया है की, मां बाप जो अपने बच्चों के लिए अपना कर्म समझकर सब कुछ समर्पित कर देते हैं

फिल्म : वनवास (Vanvaas)
स्टारकास्ट-  नाना पाटेकर (Nana Patekar) , अश्विनी कलसेकर (ashwini kalsekar) , राजपाल यादव (Rajpal Yadav), उत्कर्ष शर्मा (Utkarsh Sharma) और सिमरत कौर रंधावा (Simrat Kaur Randhawa)
कहानीकार, निर्माता और निर्देशक : अनिल शर्मा (Anil Sharma)
रेटिंग : 3.5

Vanvaas Movie Review: निर्माता निर्देशक अनिल शर्मा ने आज के दौर की एक प्रासंगिक कहानी लेकर समाज में सवाल उठाने का प्रयास किया है की, मां बाप जो अपने बच्चों के लिए अपना कर्म समझकर सब कुछ समर्पित कर देते हैं  क्या उनके बच्चे भी उनके लिए अपना धर्म समझ कर बुढ़ापे में उनका सहारा बनते हैं ।

फिल्म का विषय बहुत ही गंभीर है लेकिन क्या ऐसी फिल्मों को देखकर समाज आंशिक रूप से भी सुधर पाता है, यह देखने वाली बात है, हां लेकिन इस संजीदा विषय को उठाने का एक बेहतरीन प्रयास किया है अनिल शर्मा ने अपनी फिल्म 'वनवास' में जो 20 दिसंबर यानी की आज सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।

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'अपने ही देते हैं अपनों को वनवास' इस टैगलाइन से हमारे मस्तिष्क में फिल्म की कहानी का एक खाका तैयार हो जाता है, लेकिन अपनों में कई रिश्ते होते हैं और यह फिल्म किस रिश्ते को उजगार करती है यह फिल्म देखने पर पता चलेगा। ऐसा नहीं है की इस विषय पर पहले कोई फिल्में नहीं बनी हैं -अवतार और बागवान ऐसी ही फिल्में हैं। लेकिन वनवास का विषय इस लिए इतर है क्यों की इस में नायक पूरी तरह से असहाय और परिवार के प्रति भावुक है। फिल्म में हास्य और रोमांस का तड़का भी लगाया गया हैं। लेकिन फिल्म में इमोशन्स की कमी खली।

कहानी

फिल्म की कहानी एक वृद्ध पिता नाना पाटेकर की है, जिसे भूलने की बीमारी है । उनके परिवार में उनके बेटे और बहुएं हैं लेकिन हर सदस्य उनसे छुटकारा पाना चाहता है । इस लिए उन्हें तीर्थ घुमाने का झांसा देकर बनारस में छोड़ कर आ जाते हैं । यहां उन्हें मिलता है उत्कर्ष जो बनारस का गाइड है। उत्कर्ष उन्हें बताता है की उनके बच्चे उन्हें जानभूझकर यहां छोड़ कर गए हैं जबकि नाना अब भी यह मानने को तैयार नहीं की उनके बच्चे उन्हें यहां छोड़  गए हैं, वे मानते हैं की वो उन्हें वापस घर लेकर जाएंगे। क्या नाना की उम्मीद पूरी होगी  या पूरी तरह टूट जाएगी । अब नाना का क्या होगा , इन सब सवालों के जवाब आपको फिल्म देखने पर पता चलेंगे ।

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एक्टिंग

फिल्म में नाना पाटेकर ने शानदार अभिनय किया है उनकी डायलाग डिलीवरी भी कमाल की है।  अश्विनी कलसेकर और  राजपाल यादव जैसे अनुभवी कलाकारों ने भी फिल्म में अपने अपने किरदार को बखूबी निभाया हैं । उत्कर्ष शर्मा और सिमरत कौर की यह गदर 2  के बाद दूसरी फिल्म है और उनकी एक्टिंग में निखार साफ देखा जा सकता है। इनके  अभिनय और फेस एक्सप्रेशंस भी कमाल के हैं  दोनों के बीच ऑनलाइन केमिस्ट्री भी अच्छी है।

निर्देशक

फिल्म की कहानी अनिल शर्मा ने लिखी है और स्क्रीनप्ले से लेकर निर्माता और निर्देशन तक का जिम्मा उन्होंने अपने कन्धों पर उठाया है । गदर 2  की सफलता के बाद उन्होंने एक सशक्त पारिवारिक कहानी के जरिये दर्शकों का मनोरंजन करने का प्रयास किया है । देखना होगा की वो अपने इस प्रयास में कहां तक सफल हो पाते हैं।

वनवास एक सम्पूर्ण पारिवारिक मनोरजक फिल्म है जिसका विषय बहुत ही संजीदा हैं लेकिन इसमें रोमन्स और हास्य का भी तड़का लगाया गया है।

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