Edited By Rahul Rana, Updated: 30 Nov, 2024 12:02 PM
सामंथा रुथ प्रभु ने हाल ही में अपने पिता के निधन पर गहरा दुख जताया। एक्ट्रेस ने बताया कि पिता के साथ उनका रिश्ता तनावपूर्ण था, और उन्हें हमेशा उनकी मंजूरी पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
बाॅलीवुड तड़का : सामंथा रुथ प्रभु के पिता के निधन की खबर ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को स्तब्ध कर दिया है। एक्ट्रेस ने जिस तरह से ये दुखद समाचार दिया, उससे उनके फैंस भी हैरान रह गए। सामंथा के लिए यह समय बहुत कठिन है, क्योंकि उन्होंने अचानक अपनी जिंदगी के सबसे करीब इंसान को खो दिया है। उनका दिल टूट चुका है और इस दुख को सहन करना आसान नहीं होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सामंथा का अपने पिता के साथ रिश्ता कैसा था?
पिता के साथ सामंथा का रिश्ता था तनावपूर्ण?
हाल ही में, सामंथा रुथ प्रभु ने अपने पिता जोसेफ प्रभु के साथ अपने रिश्ते को लेकर कुछ चौंकाने वाली बातें साझा की हैं। सामंथा ने एक इंटरव्यू में खुलकर कहा था कि उनके और उनके पिता के बीच का रिश्ता कभी बहुत अच्छा नहीं था। यह बात कई लोगों के लिए हैरान करने वाली थी, क्योंकि सामंथा को हमेशा एक सशक्त और आत्मनिर्भर महिला के रूप में देखा गया है।
पिता की मंजूरी पाने के लिए करती थीं संघर्ष
सामंथा ने बताया कि उनके और उनके पिता के रिश्ते का प्रभाव उनके आत्मविश्वास पर भी पड़ा। वह अपने पिता से हमेशा अपनी काबिलियत की मंजूरी (validation) पाने के लिए संघर्ष करती थीं। एक्ट्रेस ने यह भी खुलासा किया कि उनके पिता अक्सर उनकी योग्यता को कम आंकते थे। सामंथा ने उदाहरण देते हुए बताया था कि उनके पिता उन्हें कहते थे, "तुम इतनी स्मार्ट नहीं हो। ये तो बस इंडियन एजुकेशन के स्टैंडर्ड्स हैं।"
पिता की बातें थीं सामंथा पर गहरा असर डालने वाली
सामंथा ने बताया कि अपने पिता की इस तरह की बातें सुनकर उन्हें यह विश्वास हो गया था कि शायद वह सच में उतनी काबिल नहीं हैं, जितना उन्हें लगना चाहिए था। यह बात उनके दिमाग में गहराई तक बैठ गई थी और उनके आत्मसम्मान को प्रभावित करती रही। हालांकि, समय के साथ सामंथा ने खुद को साबित किया और अपने करियर में सफलता हासिल की, लेकिन उनके पिता के शब्दों का असर उनके जीवन पर लंबे समय तक पड़ा रहा।
पिता की मौत का सामंथा पर गहरा असर
अब, जब सामंथा के पिता इस दुनिया में नहीं रहे, तो उनके लिए यह वक्त बहुत ही कठिन है। उनका कहना है कि अब पिता का साया उनके सिर से हट चुका है, और उनकी कमी हमेशा सामंथा को खलने वाली है। यह दुख एक बेटी के लिए बहुत बड़ा होता है, और सामंथा के लिए यह समय एक तरह से टूटने जैसा है।