Edited By Mehak, Updated: 20 Apr, 2025 04:33 PM

मशहूर गायक अरिजीत सिंह ने रविवार को अपनी पत्नी कोयल रॉय के साथ उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और भस्म आरती में भाग लिया। इस दौरान वह पूरी तरह से भक्ति में लीन नजर आए। अरिजीत सिंह शनिवार को इंदौर में लाइव कॉन्सर्ट के लिए...
बाॅलीवुड तड़का : मशहूर गायक अरिजीत सिंह ने रविवार को अपनी पत्नी कोयल रॉय के साथ उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और भस्म आरती में भाग लिया। इस दौरान वह पूरी तरह से भक्ति में लीन नजर आए।
इंदौर कॉन्सर्ट के बाद पहुंचे उज्जैन
अरिजीत सिंह शनिवार को इंदौर में लाइव कॉन्सर्ट के लिए आए थे। वहां परफॉर्मेंस के बाद उन्होंने रविवार सुबह लगभग 4 बजे महाकाल मंदिर में दर्शन करने का निर्णय लिया। अरिजीत सिंह इस मौके पर नारंगी रंग के पारंपरिक कुर्ते में दिखे, वहीं उनकी पत्नी कोयल रॉय लाल रंग की साड़ी में नजर आईं। दोनों ने मंदिर में श्रद्धा भाव से पूजा की।
महाकाल की भस्म आरती में हुए शामिल
अरिजीत और उनकी पत्नी ने मंदिर के नंदी हॉल में ध्यान लगाया और चांदी द्वार से भगवान महाकाल का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। पूजा के बाद मंदिर के पुजारियों द्वारा उन्हें लाल रंग का पटका और प्रसाद भेंट किया गया। मंदिर के पुजारी आकाश शर्मा ने पूजा विधिवत संपन्न कराई।
सेलिब्रिटीज की पहली पसंद बना महाकालेश्वर मंदिर
महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने वाले सेलेब्रिटीज की सूची में अरिजीत सिंह का नाम भी जुड़ गया है। इसी सप्ताह टीवी एक्ट्रेस रूपाली गांगुली (अनुपमा सीरियल फेम) भी अपने बेटे के साथ बाबा महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचीं। उन्होंने दर्शन के बाद मंदिर प्रशासन की व्यवस्थाओं की भी तारीफ की और कहा कि बाबा की कृपा से ही उन्हें 'अनुपमा' का प्रोजेक्ट मिला।
क्या है भस्म आरती की खासियत?
महाकालेश्वर मंदिर की सबसे खास और अनोखी पूजा है भस्म आरती, जो रोज़ सुबह शिवलिंग पर श्मशान से लाई गई चिता की भस्म से की जाती है। इस भस्म में पीपल, शमी, पलाश और बेल की लकड़ियों की राख भी मिलाई जाती है। यह पूजा पौराणिक परंपराओं के अनुसार होती है, और इसे देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु उज्जैन आते हैं।
महिलाओं के लिए विशेष नियम
भस्म आरती के दौरान धार्मिक परंपरा के अनुसार महिलाओं को सिर ढकना अनिवार्य होता है। मान्यता है कि आरती के समय महाकाल निराकार रूप में होते हैं, इसलिए महिलाओं को सीधे देखने की अनुमति नहीं होती। यही कारण है कि आरती के दौरान महिलाएं सिर पर ओढ़नी या घूंघट रखती हैं।