Edited By Rahul Rana, Updated: 14 Jul, 2025 05:27 PM

बॉलीवुड की सबसे आइकॉनिक रोमांटिक फिल्मों में से एक ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (DDLJ) इस साल अक्टूबर में अपने 30 साल पूरे करने जा रही है। इस खास मौके पर फिल्म की मुख्य अभिनेत्री काजोल ने एक प्रमुख मीडिया हाउस से बातचीत में शूटिंग के कुछ दिलचस्प और...
बॉलीवुड डेस्क: बॉलीवुड की सबसे आइकॉनिक रोमांटिक फिल्मों में से एक ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (DDLJ) इस साल अक्टूबर में अपने 30 साल पूरे करने जा रही है। इस खास मौके पर फिल्म की मुख्य अभिनेत्री काजोल ने एक प्रमुख मीडिया हाउस से बातचीत में शूटिंग के कुछ दिलचस्प और मजेदार किस्से साझा किए।
गौशाला में साड़ी और पहाड़ी से गिरना
DDLJ की शूटिंग के अनुभवों को याद करते हुए काजोल ने बताया कि स्विट्जरलैंड में शूटिंग के दौरान कई बार अजीबोगरीब स्थितियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने हँसते हुए कहा, “गौशाला के अंदर साड़ी पहनने की कोशिश करना और फिर पहाड़ी से लुढ़क जाना जैसे पल वाकई बेतुके थे। सोचिए, कौन गलती से पहाड़ी से लुढ़कता है? लेकिन मैं सच में लुढ़क गई।”उन्होंने आगे बताया कि शूटिंग के दौरान कई बार भाग-दौड़ होती थी, खासकर तब जब सूर्यास्त से पहले सीन को पूरा करना होता। “कभी-कभी हमारे पास सिर्फ 15 मिनट होते थे एक शॉट के लिए। वो दौड़-भाग, कपड़े बदलना, टाइम के साथ रेस लगाना – ये सब बहुत मजेदार था,” काजोल ने कहा।
स्विट्जरलैंड में एक लंबी वर्किंग हॉलीडे
अपने अनुभव को साझा करते हुए काजोल ने बताया कि फिल्म की शूटिंग उनके लिए एक लंबी वर्किंग हॉलीडे जैसी रही। “हमने बस में बैठकर स्विट्जरलैंड की सैर की, अच्छा खाना खाया, खूब मस्ती की और बहुत हंसे। मुझे पता था कि हम एक अच्छी फिल्म बना रहे हैं, क्योंकि स्क्रिप्ट कमाल की थी,” काजोल ने याद किया।
DDLJ: एक सदाबहार जादू
जब काजोल से पूछा गया कि आखिर DDLJ को तीन दशकों तक लोगों के दिलों में कैसे बनाए रखा गया, तो उन्होंने कहा, “असल में जादू फिल्म में ही है। स्क्रिप्ट, शाहरुख के डायलॉग्स, रोमांस, ड्रामा – सब कुछ। इसमें 90 के दशक का जो मैजिक था, वह आज भी लोगों को छूता है।”
एक पीढ़ी का इमोशनल कनेक्शन
1995 में रिलीज़ हुई ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनियाभर के हिंदी सिनेमा प्रेमियों के लिए एक कल्ट क्लासिक बन गई है। शाहरुख खान और काजोल की जोड़ी ने इस फिल्म में ‘राज’ और ‘सिमरन’ के किरदारों को अमर बना दिया। फिल्म को भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे लंबे समय तक थिएटर में चलने वाली फिल्म का भी दर्जा मिला है। मुंबई के मराठा मंदिर में यह फिल्म वर्षों तक लगातार दिखाई जाती रही है।
फिल्म की 30वीं वर्षगांठ की तैयारी
फिल्म की 30वीं सालगिरह के मौके पर मेकर्स कई स्पेशल इवेंट्स और स्क्रीनिंग्स की योजना बना रहे हैं। वहीं फैन्स के लिए भी यह एक इमोशनल पल है – वो फिल्म जिसने पहली बार उन्हें ‘प्यार में ट्रेन पकड़ने’ का सपना दिखाया। DDLJ के साथ जुड़ी यादें और किस्से आज भी उतने ही ताजे हैं जितने 30 साल पहले थे – और यही बात इसे हर पीढ़ी के लिए खास बना देती है।