Bambai Meri Jaan Review: ईमानदारी और भूख के बीच की बहस को बयां करती है 'बंबई मेरी जान', अविनाश तिवारी की परफोर्मेंस रही शानदार

Edited By kahkasha, Updated: 14 Sep, 2023 09:41 AM

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'बंबई मेरी जान' देखने से पहले पढ़े कैसी ये वेब सीरीज

वेब सीरीज- बंबई मेरी जान (Bambai Meri Jaan)
स्टारकास्ट- केके मेनन (Kay Kay Menon) , अविनाश तिवारी (Avinash Tiwari), कृतिका कामरा (Kritika Kamra), अमाएरा दस्तूर (Amyra Dastur), निवेदिता भट्टाचार्या (Nivedita Bhattacharya) सौरभ सचदेव (Saurabh Sachdev) 
निर्देशक- शुजात सोदागर (Shujaat Saudagar) 
एपिसोड- 10
रेटिंग- 3/5


Bambai Meri Jaan Review: इन दिनों क्राइन थ्रिलर सीरीज को काफी पसंद किया जा रहा है। ऐसे में ओटीटी प्लेटफॉर्म Zee5 एक और क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज बंबई मेरी जान लेकर आ रहा है। यह सीरीज 1970 के दशक में बंबई में तेजी से फैलते माफिया राज की कहानी को बयां करती है। सीरीज में केके मेनन और अविनाश तिवारी लीड रोल में हैं। जहां केके मेनन एक ईमानदार पुलिस अफसर इस्माइल कादरी के किरदार में हैं। तो वहीं, अविनाश तिवारी उनके बेटे दारा कादरी का किरदार निभा रहे हैं। फिल्म में बड़ी स्टारकास्ट हैं, जिसमें अमायरा दस्तूर, कृतिका कामरा, सौरभ सचदेव, निवेदिता भट्टाचार्या जैसे कलाकार शामिल है। इस वेब सीरीज को शुजात सौदागर ने डायरेक्ट किया है। सीरीज 14 सितंबर को जी5 पर स्ट्रीम होगी। लेकिन उससे पहले जान लीजिए कैसी है 'बंबई मेरी जान'। 


कहानी
'बंबई मेरी जान' की कहानी की शुरुआत होती माफिया और पुलिस के बीच की लड़ाई से। जहां पुलिस डिपार्टमेंट के सभी अफसर शहर के माफिया हाजी मकबूल (सौरभ सचदेव) के साथ मिले होते हैं। तो वहीं, इस्माइल (केके मेनन) एक ईमानदार पुलिस अफसर बनकर उभरते हैं। वे पक्के ईरादों के साथ हाजी मकबूल के सभी गौर कानूनी धंधो को बंद कराने में लग जाते हैं। इस्माइल अपने ऑपरेशन में कामयाब भी होने लगते हैं। लेकिन एक दिन एक हादसे की वजह से उन्हें सस्पेंड कर दिया जाता है। जिसके बाद उनके पास कोई काम नहीं रहता है वे अपने 4 बच्चों को पालने में भी सक्षम नहीं हो पाता। यह देख हाजी मकबूल उसे अपने साथ काम करने का ऑफर देता है और इस्माइल अपने बच्चों के खातिर उसके साथ काम करने लगता है। इधर बाप अपने बच्चों के लिए हाजी मकबूल से हाथ तो मिला लेता है। लेकिन उधर उसका बेटा दारा खुद अपराधी और माफिया बनने लगता है। इस्माइल उसे बहुत समझाता है लेकिन अपने बाप के उसूलों और ईमानदारी को नकारते हुए दारा हाजी मकबूल की तरह ही एक माफिया बन जाता है। लेकिन इस्माइल को यह कतई मंजूर नहीं कि वह हराम की कमाई खाएं। तो अब इस्माइल कादरी अपने बेटे दारा को इस जंजाल से निकाल पाएगा? यह देखने के लिए आपको देखनी होगी 'बंबई मेरी जान'। 


एक्टिंग
एक्टिंग की बात करें तो, केके मेनन काफी मंछे हुए कलाकार हैं। उन्होंने हमेशा ही अपनी एक्टिंग से सभी को इंप्रेस किया है। इस सीरीज में भी वह अपने किरदार में बखूबी ढले हैं। वहीं, सीरीज के दूसरे मेन लीड अविनाश तिवारी ने तो अपने किरदार से सभी को हैरान कर दिया है। वह अपने कैरेक्टर में इस तरह ढले हैं कि अब शायद आप उन्हें अविनाश नहीं बल्कि दारा कादरी से ही पहचान पाएं। इसके अलावा कृतिका कामरा की एक्टिंग भी काफी शानदार हैं। उन्हें जितना भी स्क्रीन टाइम मिला है उन्होंने उसे पूरी तरह से इस्तेमाल किया है। इसके अलावा सीरीज का हर एक किरदार आपको बिल्कुल सच सा लगेगा। सभी ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है। 


डायरेक्शन
बंबई मेरी जान का डायरेक्शन शुजात सौदागर ने किया है। जो काफी शानदार रहा है। उन्होंने सीरीज में 1970 का दशक दिखाया है जो वाकई में वैसा ही लगता है। सीरीज देख आप उसी दौर में चले जाएंगे। लेकिन इसमें मुझे एक कमी यह लगी की सीरीज को 10 एपिसोड का बनाया गया है जो काफी लंबा लगा। इसे इतना लंबा खींचने की जरूरत नहीं थी। हालांकि, कहानी एक दम सुलझी हुई थी, जिसमें आपको ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं, इसके क्लाइमेक्स की बात करें तो वह और भी दमदार हो सकता था। 

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