Edited By Smita Sharma, Updated: 18 Apr, 2025 11:11 AM

बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला ने एक बार फिर अजीबोगरीब दावाको लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में एक्ट्रेस ने दावा किया है कि उत्तराखंड में उनका एक मंदिर है। सिद्धार्थ कन्नन से बातचीत के दौरान उर्वशी ने दावा किया कि उत्तराखंड में उनका एक मंदिर है, जो...
बड़ी झूठी निकली उर्वशी रौतेला: बद्रीनाथ में जिस मंदिर को बताया अपने नाम, वैदिक काल से निकला उसका कनेक्शन
मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला ने एक बार फिर अजीबोगरीब दावा को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में एक्ट्रेस ने दावा किया है कि उत्तराखंड में उनका एक मंदिर है। सिद्धार्थ कन्नन से बातचीत के दौरान उर्वशी ने दावा किया कि उत्तराखंड में उनका एक मंदिर है, जो बद्रीनाथ मंदिर के बगल में है।
उन्होंने कहा- 'अगर कोई बद्रीनाथ जाता है तो उसके ठीक बगल में एक 'उर्वशी मंदिर' है।' वहीं जब जब होस्ट सिद्धार्थ कन्नन ने पूछा कि क्या लोग उनका आशीर्वाद लेने के लिए ‘उर्वशी मंदिर’ जाते हैं, तो उन्होंने हंसते हुए कहा- 'अब मंदिर है तो वो ही करेंगे।' जब उनसे पूछा गया कि क्या लोग उनसे आशीर्वाद मांगते हैं तो उन्होंने जवाब दिया, 'ऐसे चिल्ला चिल्ला के कौन बोलता है।' उर्वशी ने आगे कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स भी उनसे प्रार्थना करते हैं और उनकी फोटो पर माला चढ़ाते हैं।
उर्वशी रौतेला ने आगे कहा, 'मैं इस बारे में सीरियस हूं। यह सच है। इस बारे में न्यूज आर्टिकल भी हैं। आप उन्हें पढ़ सकते हैं।' अब हमने थोड़ी खोजबीन की है और पाया कि बद्रीनाथ धाम में एक 'उर्वशी देवी मंदिर' जरूर है लेकिन इसका एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला से कोई लेना-देना नहीं। बल्कि ये मंदिर दिव्य अप्सरा उर्वशी देवी को समर्पित है।

इसका मतलब है कि'उर्वशी मंदिर' का उर्वशी रौतेला से कोई संबंध नहीं है। मंदिर बद्रीकाश्रम में भगवान नारायण के बाएं कमल से बनाया गया था। इसकी कहानी वैदिक काल की है। यह उर्वशी पर्वत, नीलकंठ पर्वत और नारायण पर्वत के सामने स्थित है। यह उस जगह पर है जहां उर्वशी देवी, भगवान नारायण की जांघों से प्रकट हुई थीं जो बद्रीनाथ में तपस्या में लीन थे।
अलकनंदा नदी के किनारे बसे एक शांत जगह पर उर्वशी देवी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आस्था का केंद्र बनता जा रहा है। इस मंदिर का वातावरण शांत, पवित्र और ध्यान साधना के लिए अनुकूल माना जाता है, जिसे स्थानीय लोग 'उर्वशी कुंड' के नाम से भी जानते हैं। हालांकि यह मंदिर बद्रीनाथ धाम जितना प्रसिद्ध नहीं है, लेकिन जो यात्री इसे जानते हैं, वे इसे श्रद्धा-भक्ति से देखते हैं।