Edited By suman prajapati, Updated: 15 Dec, 2025 04:26 PM

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक्टर श्रेयास तलपड़े और आलोक नाथ को बड़ी राहत देते हुए कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़े कथित धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के मामले में जांच पूरी होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस आर....
मुंबई. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक्टर श्रेयास तलपड़े और आलोक नाथ को बड़ी राहत देते हुए कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़े कथित धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के मामले में जांच पूरी होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने श्रेयस तलपड़े की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें पहले से मिली गिरफ्तारी से संरक्षण को जारी रखने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट उन याचिकाओं पर भी विचार कर रहा है, जिनमें दोनों एक्टर्स ने अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग की है।
श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ की दलील
सुनवाई के दौरान श्रेयास तलपड़े की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि एक्टर केवल कंपनी के एक वार्षिक कार्यक्रम में बतौर मेहमान शामिल हुए थे। उनका न तो सोसाइटी के संचालन से कोई लेना-देना था और न ही वित्तीय लेन-देन या निवेश योजनाओं से। वकील ने यह भी कहा कि श्रेयास ने इस गतिविधि से कोई आर्थिक लाभ नहीं लिया।
वहीं, आलोक नाथ के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने दावा किया कि बीते करीब 10 वर्षों से संबंधित सोसाइटी उनकी तस्वीर का इस्तेमाल बिना अनुमति के प्रचार के लिए कर रही थी, जिसका उन्हें कोई ज्ञान नहीं था।
अदालत के अहम सवाल
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण सवाल भी उठाया। पीठ ने पूछा कि क्या किसी विज्ञापन में दिखाई देने वाले या किसी ब्रांड के प्रचार से जुड़े अभिनेता या खिलाड़ी को तब जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जब बाद में वह कंपनी धोखाधड़ी या आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाई जाए। इस सवाल के साथ ही कोर्ट ने श्रेयास तलपड़े को दी गई गिरफ्तारी से सुरक्षा को जांच पूरी होने तक जारी रखने का निर्देश दिया।
किस शिकायत से जुड़ा है मामला?
यह पूरा मामला हरियाणा के सोनीपत निवासी 37 वर्षीय विपुल अंतिल की शिकायत से जुड़ा है। उनकी शिकायत के आधार पर 22 जनवरी को एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में श्रेयास तलपड़े और आलोक नाथ समेत कुल 13 लोगों के नाम शामिल हैं। आरोप है कि इन सभी ने ‘ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड’ को प्रमोट किया था।