Edited By suman prajapati, Updated: 08 Jul, 2025 01:54 PM

भारतीय हस्तशिल्प और पारंपरिक चीज़ों की अहमियत एक बार फिर चर्चा में है, और इस बार वजह बनी है कोल्हापुरी चप्पलें। ये चप्पलें अपने देसी अंदाज़, टिकाऊपन और पारंपरिक कारीगरी के लिए सालों से लोकप्रिय रही हैं। मगर हाल ही में तब विवाद खड़ा हो गया जब इटैलियन...
मुंबई. भारतीय हस्तशिल्प और पारंपरिक चीज़ों की अहमियत एक बार फिर चर्चा में है, और इस बार वजह बनी है कोल्हापुरी चप्पलें। ये चप्पलें अपने देसी अंदाज़, टिकाऊपन और पारंपरिक कारीगरी के लिए सालों से लोकप्रिय रही हैं। मगर हाल ही में तब विवाद खड़ा हो गया जब इटैलियन लग्ज़री फैशन ब्रांड प्राडा (Prada) ने इन्हीं चप्पलों की नकल करके उन्हें अपनी नई कलेक्शन में शामिल कर लिया और वह भी भारी-भरकम कीमत पर। इस मुद्दे पर सबसे पहले आवाज़ उठाई बॉलीवुड की फैशन आइकन करीना कपूर खान ने और अब उनकी राह पर चलते हुए दिग्गज एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। दोनों ने देसी स्टाइल और भारतीय कारीगरों को खुले तौर पर समर्थन देते हुए इटैलियन ब्रांड की क्लास लगाई है।
नीना गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वे अपने पास मौजूद कोल्हापुरी चप्पलों की एक जोड़ी दिखाती नजर आईं। यह चप्पलें उन्हें दिवंगत एक्टर लक्ष्मीकांत बेर्डे ने गिफ्ट की थीं।
नीना ने वीडियो में कहा:“ये अब तक की सबसे खूबसूरत चप्पलें हैं। हाथ से बनी हुईं, असली और बेहद खास। लक्ष्मीकांत अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मैं उन्हें बहुत प्यार करती हूं। शुक्रिया उनके इस तोहफे के लिए।”
वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा- "रियल तो रियल होता है।"
इस एक लाइन में नीना गुप्ता ने न केवल भारतीय शिल्प की अहमियत जताई, बल्कि विदेशी ब्रांड्स की नकल करने की प्रवृत्ति पर करारा व्यंग्य कसा।
करीना कपूर ने 'प्राडा' को कहा था 'सॉरी'
इससे पहले करीना कपूर ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें वह पारंपरिक कोल्हापुरी चप्पलें पहने नजर आ रही थीं। इसके साथ उन्होंने मजाकिया अंदाज़ में लिखा था-“माफी कीजिए पराडा नहीं..पर मेरी ओजी कोल्हापुरी हैं।

क्या है पूरा विवाद?
यह मामला तब सामने आया जब Prada ने अपनी Spring/Summer 2026 कलेक्शन के दौरान एक चप्पल डिज़ाइन पेश किया जो हूबहू कोल्हापुरी चप्पलों की तरह था। खास बात ये थी कि इन चप्पलों की कीमत करीब ₹1.25 लाख रुपये रखी गई थी, जबकि असली कोल्हापुरी चप्पलें आमतौर पर सस्ते दामों पर उपलब्ध होती हैं।
भारतीय कारीगरों और समाज के एक बड़े वर्ग ने इस पर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि प्राडा ने भारतीय पारंपरिक डिज़ाइन की नकल की, लेकिन न तो कारीगरों को क्रेडिट दिया और न ही भारत की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान किया। विवाद बढ़ने पर प्राडा को सफाई देनी पड़ी और उन्होंने यह माना कि उनका डिज़ाइन भारतीय कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित है।