Edited By Smita Sharma, Updated: 30 Oct, 2024 04:14 PM
'मिसेज इंडिया सीजन 5’ में सेमी फाइनलिस्ट का खिताब जीतने वाली अनुराधा तिवारी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। हिंदी मीडियम स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने बावजूद उन्होंने अपना आत्मविश्वास खोया नहीं बल्कि खुद की छवि को निखारा और आगे चलकर इमेच कंसल्टेंट और...
मुंबई: 'मिसेज इंडिया सीजन 5’ में सेमी फाइनलिस्ट का खिताब जीतने वाली अनुराधा तिवारी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। हिंदी मीडियम स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने बावजूद उन्होंने अपना आत्मविश्वास खोया नहीं बल्कि खुद की छवि को निखारा और आगे चलकर इमेच कंसल्टेंट और सॉफ्ट स्किल ट्रेनर के रूप में बड़ा मुकाम बनाया। साधारण परिवार में जन्मी अनुराधा तिवारी कहती हैं, ‘सीमित संसाधनों को कई लोग बाधा के रूप में देखते हैं, लेकिन मैंने उन्हें आगे बढ़ने के अवसर के रूप में देखा। परिणाम स्वरूप आज मैं दूसरों को उनकी क्षमता और हुनर का एहसास कराने में मदद करती हूं, खासकर उन महिलाओं की मदद करती हूं जो खुद को ‘सांचे में फिट’ नहीं बैठा पाती हैं’। वह कहती हैं, ‘सच्चा आत्मविश्वास भीतर से आता है, और मैं अब दूसरों को समाज की अपेक्षाओं से परे देखने के लिये प्रोत्साहित करती हूं’।
मां और पत्नी के रूप में बनाया संतुलन
अनुराधा तिवारी कहती है, ‘दया और करुणा की भावना ही आपको दूसरों से अलग बनाती है। एक मां के रूप में, एक फौजी की पत्नी और सलाहकार के रूप में, मैंने संतुलन बनाना सीखा है’। अनुराधा महज एक प्रतिभागी नहीं है, वह एक ऐसी महिला है जो बदलाव लाने और रूढ़िवादी समाज के विरोध में खड़ी है और दूसरों को उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। वह इच्छाशक्ति, अनुग्रह और आत्मविश्वास की शक्ति का प्रमाण है, जिसे वह दुनिया के सामने साझा करने के लिये उत्साहित है।
महिलाओं को सशक्त बनाने समर्पित
महिला सशक्तिकरण की समर्थक अनुराधा तिवारी का ‘मिसेज इंडिया सीजन 5’ में सेमी फाइनलिस्ट तक सफर में विकास, साहस और उद्देश्य का एक शक्तिशाली अनुभव रहा है। अनुराधा तिवारी कहती हैं, ‘मैं महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समर्पित हूं, उन्हें अपनी सेल्फ इमेज, हाजिरजवाबी और आत्मसम्मान पाने में मदद करती हूं। यह मेरे अपने संघर्षों से पैदा हुआ एक मिशन है जो खुद के संदेह को दूर करता और संसाधनों की कमी के बावजूद आत्मबल को जगाता है और एक महिला में आत्मविश्वास पैदा करता है’। अनुराधा तिवारी ने कहा कि सेमी-फ़ाइनलिस्ट बनना महत खिताब पाना नहीं है बल्कि यह मेरे मिशन को आगे बढ़ाने का एक मंच है। मेरी जर्नी गहराई से सीखने और आत्म-चिंतन की रही है। ‘मिसेज इंडिया सीजन 5’ के हर सत्र, आपसी बातचीत और चुनौती के जरिये मुझे उद्देश्य के साथ जीने की ताकत मिली है और इसने मुझे न केवल अपने परिवार के लिए बल्कि हर उस महिला के लिए एक रोल मॉडल के रूप में पहचान दिलाई जो अपनी आवाज़ को बुलंद करना चाहती है और आगे बढ़ने का सपना देखती हैं। ‘मिसेज इंडिया सीज़न 5’ के सेमीफ़ाइनल तक पहुंचना हर उस महिला का सम्मान है जिन्हें अभी तक अपनी शक्ति का एहसास नहीं हुआ है।
सीमाओं को तोड़कर आगे बढ़ें
अनुराधा तिवारी कहती हैं, ‘मैं समाज को यह संदेश देना चाहती हूं कि सफलता पाने के लिये लचीलापन और आत्मविश्वास किसी भी बाधा को दूर करने की कुंजी है। मैंने विपरित परिस्थितियों में भी खुद को साबित करने का फैसला किया। मैंने अपना आत्मविश्वास बढ़ाया, अपने कौशल को निखारा और सबसे महत्वपूर्ण बात, अपनी क्षमता पर विश्वास किया और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया। समाज अक्सर हमें एक दायरे में रखता है लेकिन मेरी यात्रा इस बात का सबूत है कि हम उन सीमाओं को तोड़कर अपना मुकाम हासिल कर सकते हैं। सफलता साहस, प्रयास और कभी हार न मानने की इच्छा से हासिल होती है’। अनुराधा तिवारी कहती हैं, ‘हम सभी के अंदर अपनी कहानियों को फिर से लिखने की ताकत है, लेकिन समाज को भी प्रोत्साहन करने की आवश्यकता है’। अनुराधा तिवारी कहती हैं, ‘मैंने पहले कभी मॉडलिंग नहीं की, इस क्षेत्र में मेरा पहला अनुभव ‘मिसेज इंडिया इंक’ रहा है। इसमें भाग लेना रोमांचक और डराने वाला था क्योंकि मॉडलिंग मेरी पृष्ठभूमि नहीं थी। लेकिन मिसेज इंडिया इंक ने मुझे इस नई दुनिया को तलाशने, खुद को चुनौती देने और अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने का मौका दिया। मेरी यह यात्रा महज रैंप पर चलने से कहीं अधिकर ही है। ‘मिसेज इंडिया इंक’ ने व्यक्तिगत विकास, अपने हुनर को पहचाने, और खुद को साबित करने का मंच दिया है’।