Edited By suman prajapati, Updated: 15 May, 2025 12:16 PM

भारतीय फिल्म उद्योग के प्रमुख संगठन फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने देश के तमाम फिल्म निर्माताओं और प्रोडक्शन हाउस से यह अपील की है कि वे अपने प्रोजेक्ट्स के लिए तुर्की को शूटिंग लोकेशन के रूप में चुनने से पहले गंभीरता से विचार...
मुंबई. भारतीय फिल्म उद्योग के प्रमुख संगठन फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने देश के तमाम फिल्म निर्माताओं और प्रोडक्शन हाउस से यह अपील की है कि वे अपने प्रोजेक्ट्स के लिए तुर्की को शूटिंग लोकेशन के रूप में चुनने से पहले गंभीरता से विचार करें। यह अपील ऐसे समय आई है जब तुर्की की ओर से पाकिस्तान के समर्थन को लेकर देश में 'बॉयकॉट तुर्की' की मांग जोर पकड़ रही है।
FWICE, जो भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में 36 विभिन्न क्षेत्रों के तकनीशियनों, कलाकारों और श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करता है, ने यह कदम राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए उठाया है। संगठन का कहना है कि जब तुर्की लगातार भारत विरोधी रुख अपनाते हुए पाकिस्तान का साथ दे रहा है, तो ऐसे में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
तुर्की में फिल्माई गई भारतीय फिल्में
पिछले कुछ वर्षों में कई मशहूर बॉलीवुड फिल्मों दिल धड़कने दो, गुरु, रेस 2, कोड नेम: तिरंगा और अजब प्रेम की गजब कहानी की शूटिंग तुर्की में हुई है।
इन फिल्मों की लोकेशन, सांस्कृतिक विविधता और खूबसूरत दृश्य तुर्की को एक पसंदीदा शूटिंग स्थल बनाते रहे हैं। साथ ही, भारत में कई तुर्की टीवी शो और कलाकारों की भी बड़ी फैन फॉलोइंग देखी गई है।
मालूम हो, हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद तुर्की की ओर से पाकिस्तान के पक्ष में सार्वजनिक रूप से बयान देना, भारत में गुस्से और असंतोष का कारण बना। तुर्की का यह रुख नया नहीं है — वह इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के मंच से भी पाकिस्तान के विवादित मुद्दों पर अक्सर समर्थन करता रहा है। जानकारी के अनुसार, तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन और सैन्य उपकरण जैसी तकनीकें भी मुहैया कराई हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग मजबूत हो रहा है। यह भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ माना जा रहा है।