Edited By suman prajapati, Updated: 06 Feb, 2025 11:58 AM
फिल्म जगत में पितामह धुंडिराज गोविंद फाल्के उर्फ दादा साहब फाल्के के नाम पर अवॉर्ड घोटाले का मामला सामने आया है। इस घोटाले में फिल्म निर्माता अनिल मिश्रा और उनके बेटे अभिषेक मिश्रा को आरोपी बनाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांद्रा पुलिस ने 5...
मुंबई. फिल्म जगत में पितामह धुंडिराज गोविंद फाल्के उर्फ दादा साहब फाल्के के नाम पर अवॉर्ड घोटाले का मामला सामने आया है। इस घोटाले में फिल्म निर्माता अनिल मिश्रा और उनके बेटे अभिषेक मिश्रा को आरोपी बनाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांद्रा पुलिस ने 5 फरवरी 2025 को इन दोनों पर एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि अनिल मिश्रा ने दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड नामक संस्था की आड़ में फिल्म कलाकारों को अवॉर्ड बेचने का गोरखधंधा शुरू किया।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अनिल मिश्रा की पत्नी पार्वती मिश्रा और बेटी श्वेता मिश्रा भी इस मामले में आरोपी बन सकती हैं, क्योंकि कथित तौर पर इस धंधे में उनका भी हाथ हो सकता है।
बांद्रा पुलिस ने अनिल मिश्रा और उनके बेटे अभिषेक मिश्रा पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस-2023) की धारा 318 (4) और धारा 319 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में शिकायतकर्ता भारतीय जनता पार्टी की चित्रपट आघाड़ी यूनिट के प्रदेशाध्यक्ष समीर दीक्षित हैं, जिन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। यह मामला अब तूल पकड़ चुका है और पुलिस जांच में जुटी हुई है।
अवॉर्ड बेचने का धंधा कैसे शुरू हुआ?
रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर निवासी अनिल मिश्रा ने फिल्म निर्देशक अनिल शर्मा के साथ काम करते हुए अपना करियर शुरू किया था। बाद में वह खुद फिल्म निर्माता बन गए और बाद में उन्होंने दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड (DPIFF) नाम से एक संस्था बनाई। इस संस्था के माध्यम से अनिल मिश्रा ने अवॉर्ड की अवैध बिक्री शुरू कर दी, और कथित तौर पर फ्लॉप फिल्मों और कलाकारों को भी बेस्ट फिल्म और बेस्ट एक्टर जैसे पुरस्कार बेचे गए।
इस व्यापार से उन्हें अच्छी कमाई हो रही थी, क्योंकि सरकारी और अर्ध-सरकारी संस्थाओं से स्पॉन्सरशिप के नाम पर उन्हें करोड़ों रुपये मिलते थे। उनके इस अवैध धंधे के चलते कई मशहूर एक्टर, निर्देशक और फिल्म निर्माता भी प्रभावित हुए हैं।
फिलहाल, पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और अगर आरोप सिद्ध होते हैं, तो अनिल मिश्रा और उनके परिवार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।