Edited By suman prajapati, Updated: 31 Dec, 2024 03:27 PM
बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक हिट फिल्में देने वाले डायरेक्टर अनुराग कश्यप आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। पिछले दिनों वह अपनी बेटी आलिया कश्यप की शादी को लेकर काफी चर्चा में रहे थे। वहीं, अब हाल ही में उन्होंने एक बड़ा फैसला लेकर फैंस को चौंका दिया...
मुंबई. बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक हिट फिल्में देने वाले डायरेक्टर अनुराग कश्यप आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। पिछले दिनों वह अपनी बेटी आलिया कश्यप की शादी को लेकर काफी चर्चा में रहे थे। वहीं, अब हाल ही में उन्होंने एक बड़ा फैसला लेकर फैंस को चौंका दिया है। अनुराग कश्यप ने मुंबई छोड़ देने का फैसला किया है और बात का खुलासा उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में किया है। उनके इस फैसले के बाद हर कोई हैरान है और इसके पीछे की वजह जानना चाह रहा है। तो आइए जानते हैं उन्होंने ये फैसला क्यों लिया..
अनुराग कश्यप ने इंटरव्यू में कहा है कि उनके अंदर फिल्में बनाने का उत्साह खत्म हो गया है। वो इसका कारण एक्टर्स की टैलेंट एजेंसियों को ठहरा रहे हैं, जिन्होंने एक नया चलन शुरू किया है, जिसमें एक्टर्स को एक्टिंग के बजाए स्टार बनने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में रिस्क फैक्टर कम होने और रीमेक बनने को लेकर चिंता जताई जिससे उन्हें कुछ नया करने को नहीं मिल पा रहा।
अनुराग ने कहा कि आज के समय में मैं बाहर जाकर कोई नई अलग तरह की फिल्म नहीं बना सकता, क्योंकि सबकुछ अब पैसे पर आ गया है। मेरे प्रोड्यूसर्स सिर्फ फायदे और मार्जिन के बारे में सोचते हैं। फिल्म शुरू होने से पहले ही सब ये सोचते हैं कि इसे कैसे बेचेंगे। तो वो फिल्म बनाने का मजा अब खत्म हो चुका है। इसलिए मैं अगले साल मुंबई छोड़कर साउथ में शिफ्ट होने जा रहा हूं। मैं वहां जाना चाहता हूं जहां काम करने के लिए सब उत्सुक रहें। वरना मैं एक बूढ़े आदमी की तरह मर जाउंगा। मैं अपनी ही इंडस्ट्री से निराश और परेशान हो गया हूं। मैं परेशान हो गया हूं उनकी सोच से।
हिंदी सिनेमा की सोच को लेकर अनुराग ने कहा कि वो 'मंजुम्मेल बॉयज' जैसी फिल्में तबतक नहीं बना सकते जबतक वो इसका रीमेक का बनाएं। उन्होंने कहा, 'वहां की सोच ये है कि वो फिल्म दोबारा से बनाओ जो चल गई। उन्हें कुछ नया नहीं बनाना है।'
अनुराग कहते हैं कि पहली जेनेरेशन के एक्टर्स के साथ काम करना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि उन्हें स्टार बनने का शौक है। वो एक्टिंग नहीं करना चाहते। एजेंसियां पहले किसी को भी स्टार नहीं बनाती, लेकिन जिस वक्त वो एक्टर स्टार बनता है वो उससे खूब सारा पैसा लूटती है। उनका काम होता है एक अच्छे टैलेंटेड एक्टर को ढूंढना।
जब एक फिल्म बनती है, तो वो उस एक्टर को पकड़कर पहले उसे स्टार बनाते हैं। फिर उसके दिमाग में उलटी-सीधी बातें डालते हैं। उन्हें बताते हैं कि आपको एक स्टार बनने के लिए क्या-क्या करना होगा। वो एक्टर्स को वर्कशॉप में नहीं भेजेंगे, लेकिन जिम भेज देंगे वर्कआउट कराने। ये सब अब ग्लैम-ग्लैम ही रह गया है क्योंकि सभी को सबसे बड़ा स्टार बनना है।
अनुराग ने एक्टर्स के करियर के साथ खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने बताया कि एक बार एक एक्टर किसी एजेंसी की बात सुनकर उनकी फिल्म छोड़कर चला गया था, लेकिन बाद में उन्हीं के पास वापस आया क्योंकि उस एजेंसी ने उन्हें धोखा दे दिया था।
स्टार ट्रीटमेंट का जिम्मेदार OTT स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स को ठहराते हुए उन्होंने कहा कि एक अच्छी फिल्म बनाने के बजाए हम इस बात पर ध्यान देते हैं कि हमें कैसे स्टार की तरह ट्रीट किया जाए। खासकर हिंदी फिल्मों में। स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स आए और उन्हें शायद इंडस्ट्री में अपनी जगह महसूस करानी थी, इसलिए वो अमेरिका के काम करने के तरीके को भी अपने साथ लेकर आए।