Edited By suman prajapati, Updated: 23 Jun, 2025 02:35 PM

बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा अक्सर अपनी वाइफ लिन लैशराम संग अपनी केमिस्ट्री को लेकर चर्चा में रहते हैं। कपल ने नवंबर 2023 में मैतई रीति-रिवाजों से शादी रचाई थी, जिसकी खूबसूरत तस्वीरें इंटरनेट पर खूब वायरल हुई थीं। वहीं, हहाल ही में रणदीप ने अपनी शादी...
मुंबई. बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा अक्सर अपनी वाइफ लिन लैशराम संग अपनी केमिस्ट्री को लेकर चर्चा में रहते हैं। कपल ने नवंबर 2023 में मैतई रीति-रिवाजों से शादी रचाई थी, जिसकी खूबसूरत तस्वीरें इंटरनेट पर खूब वायरल हुई थीं। वहीं, हहाल ही में रणदीप ने अपनी शादी के दौरान हुई रस्मों के बारे में बात की और साथ ही एक चौंकाने वाला खुलासा भी किया।
इंटरव्यू में रणदीप हुड्डा ने कहा- शादी की रस्मों में मेरे साथ एक हेल्पर था, जो ट्यूटर की तरह था। इसलिए जब दूल्हा अपना सामान अपने सिर पर रख लेता है, तो आप अपना सिर नहीं झुका सकते। आप सेरेमनी में जाते हैं और वे आपको एक कटोरा और एक छाता देते हैं। फिर वे आपको एक होल्डिंग एरिया में रखते हैं, जहां हर किसी को आकर आपको देखना होता है और आपको बहुत सम्मानजनक दिखना होता है।'

रणदीप हुड्डा ने आगे कहा- 'एक बार जब आप मंडप में होते हैं, जहां सभी मिदांग प्लेयर्स गर्मी में नमक छिड़कते हैं और सभी पंडित मंत्र पढ़ते हैं, तो आपको हिलना नहीं चाहिए। वो आपके चारों तरफ से एक कंबल में लपेट देते हैं। इसलिए अगर मैं आराम की पोजीशन में बैठता हूं, तो हेल्पर मुझे सही करता है और कहता है कि तुम्हें सबसे अच्छा दिखना है, तुम आज भगवान हो। दो घंटे तक मुझे अपनी पीठ सीधी करके और सिर ऊपर करके बैठना पड़ा।'

पेशाब करने के लिए दी गई कटोरी
'जाट' एक्टर ने आगे खुलासा किया कि फिर मैंने पूछा कि कटोरा किस लिए है तो उसने कहा कि अगर आपको पेशाब करना हो, तो तुम बस छाता खोलो और इसमें पेशाब करो, आप यहां से नहीं हट सकते क्योंकि आप भगवान हो और जब वह (लिन) आई, तो उसके पास एक ट्यूटर भी था। उसे बहुत डांट पड़ी। वो मुस्कुरा रही थी और आपको मुस्कुराना नहीं चाहिए, इसलिए हेल्पर आकर कहते थे कि मुस्कुराना बंद करें।'
एक्टर ने कहा- हरियाणवी संस्कृति और मणिपुरी संस्कृति बहुत अलग है, भले ही दोनों ही बेहतरीन मुक्केबाज और खिलाड़ी पैदा करते हैं।हमारी संस्कृति बहुत ही असभ्य और भद्दी है और उनकी संस्कृति बहुत अलग है। उसने बहुत सारा सोना पहना हुआ था और मैं ऐसा था कि चलो एक पिक्चर तो यहीं बन गई। वहां सिविल वॉर चल रही थी और जैसे ही फेरे खत्म हुए, सैंकड़ों एके-47 हवा में उड़ने लगीं।