नेहा धूपिया के 'फ्रीडम टू फीड' सैशन में राधिका आप्टे ने बॉलीवुड में प्रेगनेंसी को लेकर भेदभाव पर की बात

Edited By Jyotsna Rawat, Updated: 07 Aug, 2025 02:52 PM

radhika apte talked about discrimination regarding pregnancy in bollywood

नेहा धूपिया के लाइव सेशन ‘फ्रीडम टू फीड’ के दौरान जानी-मानी अभिनेत्री राधिका आप्टे ने खुलकर अपनी प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में काम के दौरान आई चुनौतियों और भावनात्मक संघर्षों के बारे में बात की।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल।  नेहा धूपिया के लाइव सेशन ‘फ्रीडम टू फीड’ के दौरान जानी-मानी अभिनेत्री राधिका आप्टे ने खुलकर अपनी प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में काम के दौरान आई चुनौतियों और भावनात्मक संघर्षों के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि कैसे मातृत्व को लेकर आज भी फिल्म इंडस्ट्री में भेदभाव देखा जाता है।

राधिका ने बताया कि जब उन्होंने अपनी प्रेगनेंसी की जानकारी दी, तब भारत में एक प्रोड्यूसर का रिएक्शन काफी ठंडा और असंवेदनशील था।
उन्होंने कहा, “मैं भारत में एक प्रोजेक्ट कर रही थी और जब मैंने प्रेगनेंसी के बारे में बताया, तो उस प्रोड्यूसर को यह बात पसंद नहीं आई। उन्होंने कहा कि मुझे टाइट कपड़े पहनने होंगे, भले ही मैं असहज महसूस कर रही थी। मैं पहले ट्राइमेस्टर में थी, मुझे बहुत क्रेविंग होती थी, चावल, पास्ता जैसी चीजें खा रही थी, शरीर में बदलाव आ रहे थे, लेकिन इसके बावजूद मेरे साथ संवेदनशीलता नहीं दिखाई गई। यहां तक कि जब मुझे दर्द हो रहा था, तब भी डॉक्टर से मिलने की इजाज़त नहीं दी गई। यह सब मेरे लिए बहुत निराशाजनक था।”

वहीं दूसरी तरफ, राधिका ने बताया कि एक इंटरनेशनल प्रोजेक्ट में उनका अनुभव बिल्कुल अलग और सकारात्मक रहा।

उन्होंने कहा, “जब मैंने उस हॉलीवुड डायरेक्टर को बताया कि मैं ज़्यादा खा रही हूं और शूट के आखिर तक शायद अलग ही दिखूं, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा – ‘कोई बात नहीं, तुम चाहे जैसी भी दिखो, तुम प्रेग्नेंट हो और ये बिल्कुल ठीक है।’ इस तरह की बात सुनकर बहुत सुकून मिला।”

राधिका ने आगे कहा, “मैं समझती हूं कि प्रोफेशनल कमिटमेंट्स होते हैं, और मैंने हमेशा उनका सम्मान किया है। लेकिन थोड़ी सी इंसानियत और  समझदारी बहुत मायने रखती है। मैं कोई खास ट्रीटमेंट नहीं चाहती थी, बस थोड़ी सी सहानुभूति और सम्मान।”

राधिका की यह बात न केवल एक महिला के प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली चुनौतियों को उजागर करती है, बल्कि इंडस्ट्री में काम करने वाली महिलाओं के लिए ज़्यादा सुरक्षित और सहानुभूति भरे माहौल की ज़रूरत को भी रेखांकित करती है।

‘फ्रीडम टू फीड’ जैसे प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए मातृत्व और महिलाओं के अधिकारों को लेकर खुलकर बातचीत हो रही है, और राधिका की यह कहानी इस दिशा में एक ज़रूरी कदम है।

अब वक्त है कि इंडस्ट्री पुरानी सोच को पीछे छोड़कर मातृत्व को एक सपोर्ट करने वाले फेज़ की तरह देखे, ना कि उसे काम से दूर करने की वजह बनाए।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!