Edited By Jyotsna Rawat, Updated: 14 Jun, 2025 02:03 PM

कबीर खान की बायोपिक ड्रामा चंदू चैंपियन को 14 जून 2024 को रिलीज़ हुए एक साल हो गया है, लेकिन फिल्म की गूंज अब भी दर्शकों, आलोचकों और इंडस्ट्री में बनी हुई है।
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कबीर खान की बायोपिक ड्रामा चंदू चैंपियन को 14 जून 2024 को रिलीज़ हुए एक साल हो गया है, लेकिन फिल्म की गूंज अब भी दर्शकों, आलोचकों और इंडस्ट्री में बनी हुई है। कार्तिक आर्यन के लीड रोल वाली इस फिल्म में भारत के पहले पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट मुरलीकांत पेटकर की प्रेरणादायक कहानी दिखाई गई है। फिल्म की जबरदस्त स्टोरीटेलिंग, इमोशनल मूमेंट्स और दमदार परफॉर्मेंस ने इसे हाल के सालों की सबसे यादगार फिल्मों में से एक बना दिया।
चंदू चैंपियन के लिए कार्तिक आर्यन ने मुरलीकांत पेटकर के जज़्बे, अनुशासन और हिम्मत को दिखाने के लिए जबरदस्त फिज़िकल और इमोशनल ट्रांसफॉर्मेशन किया था। एक भूले-बिसरे नेशनल हीरो के तौर पर उनका ये सफर दर्शकों के दिलों को छू गया। फिल्म को हर जगह खूब सराहना मिली, बड़े अवॉर्ड शोज़ से लेकर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स तक, इसे परफॉर्मेंस-ड्रिवन सिनेमा का माइलस्टोन माना गया।
जैसे-जैसे चंदू चैंपियन की बरसी करीब आ रही है, डायरेक्टर कबीर खान ने फिल्म के सफर और कार्तिक आर्यन की परफॉर्मेंस को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, "फिल्म को जितनी भी तारीफ मिली है, वो सब उसी की बदौलत है जो कार्तिक ने इसमें दिया – चाहे वो इमोशन हो, मेहनत हो या एक्टिंग की बारीकी। जहां तक नेशनल अवॉर्ड की बात है, तो मुझे दिल से लगता है कि वो इसे डिज़र्व करते हैं। ये रोल उनके करियर के लिए तो बड़ा मोड़ था ही, लेकिन उससे भी ज़्यादा, ये देश के लिए एक ज़रूरी कहानी थी। उन्होंने एक भूले-बिसरे हीरो की कहानी इतने सम्मान और लगन से लोगों तक पहुंचाई कि उसका असर साफ दिखा। और अगर अवॉर्ड्स उन्हीं को मिलने चाहिए जो देश के दिल को छू जाएं, तो कार्तिक आर्यन का नाम उस लायक ज़रूर है।"
मेलबर्न इंडियन फिल्म फेस्टिवल से लेकर न्यू यॉर्क इंडी फिल्म फेस्टिवल तक सम्मान बटोरने और बड़े अवॉर्ड शोज़ में ट्रॉफियां जीतने तक, चंदू चैंपियन ने दिखा दिया कि सिनेमा की ताकत क्या होती है कैसे एक फिल्म इंस्पायर कर सकती है, हिम्मत दे सकती है और असली ज़िंदगी के हीरोज़ को पहचान दिला सकती है। ये फिल्म कार्तिक आर्यन के करियर का एक चमकता हुआ चैप्टर बन गई है और इंडियन सिनेमा का भी। चॉकलेटी किरदारों से निकलकर ऐसे गहरे और इमोशनल रोल तक का कार्तिक का सफर दिखाता है कि वो एक आर्टिस्ट के तौर पर कितने बेखौफ तरीके से खुद को बदलते जा रहे हैं।