Edited By suman prajapati, Updated: 11 Mar, 2025 12:59 PM

इस्लाम धर्म में रमजान का महीना चल रहा है, जो बहुत ही पाक माना जाता है। पूरे महीने रोजे रखे जाते हैं और खुदा की इबादत की जाती है। इसी बीच हाल ही में जब जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में डिजाइनर शिवान भाटिया और नरेश कुकरेजा ने आउटडोर फैशन शो का आयोजन किया...
मुंबई. इस्लाम धर्म में रमजान का महीना चल रहा है, जो बहुत ही पाक माना जाता है। पूरे महीने रोजे रखे जाते हैं और खुदा की इबादत की जाती है। इसी बीच हाल ही में जब जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में डिजाइनर शिवान भाटिया और नरेश कुकरेजा ने आउटडोर फैशन शो का आयोजन किया तो इसने भारी विवाद को जन्म दिया। शो की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होते ही इसके खिलाफ तीव्र विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। कड़ी आलोचना का सामना करने के बाद अब शो को ऑर्गेनाइज करने वाले फैशन डिजाइनर्स शिवान भाटिया और नरेश कुकरेजा ने इसपर माफी मांगी है।
दरअसल, फैशन शो के खिलाफ सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के प्रमुख मौलवी मीरवाइज उमर फारूक ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने फैशन शो को अपमानजनक बताते हुए कहा कि कश्मीर जैसी जगह, जो अपनी सूफी-संतों की संस्कृति और गहरे धार्मिक दृष्टिकोण के लिए जानी जाती है, में इस तरह के आयोजन को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मीरवाइज फारूक ने यह भी कहा कि इस घटना में शामिल सभी लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
इसके बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी फारूक की पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी और इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तस्वीरें स्थानीय संवेदनशीलता का पूरी तरह से उल्लंघन करती हैं और खासकर रमजान के दौरान यह और भी आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारियों से इस मामले पर 24 घंटों के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है, और इसके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस आयोजन में सरकार की कोई भूमिका नहीं थी।
डिजाइनर्स ने मांगी माफी
विवाद के बाद शिवान भाटिया और नरेश कुकरेजा ने सोशल मीडिया पर माफी मांगते हुए कहा कि अगर उनके फैशन शो से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो वे माफी मांगते हैं। डिजाइनर्स ने कहा, "हमारा एकमात्र उद्देश्य रचनात्मकता और स्कीइंग संबंधी परिधानों को प्रदर्शित करना था, न कि किसी को अपमानित या किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना। हम दिल से सभी संस्कृतियों और परंपराओं का सम्मान करते हैं और जो चिंताएं व्यक्त की गई हैं, उन्हें स्वीकार करते हैं। हम इस घटना से हुई किसी भी असुविधा के लिए ईमानदारी से माफी मांगते हैं और समुदाय से मिली प्रतिक्रिया की सराहना करते हैं।"