Edited By Smita Sharma, Updated: 21 Mar, 2024 01:42 PM
जब से 'बिग बॉस ओटीटी 2' विनर एल्विश यादव नोएडा रेव पार्टी मामले में आरोपी बने हैं तब से ही वह खबरों में बने हुए हैं। वैसे तो एल्विश यादव कई विवादों का हिस्सा रहे हैं लेकिन सांप के जहर मामले में उनकी हालिया गिरफ्तारी इनमें से सबसे बड़ी है। इस समय...
मुंबई: जब से 'बिग बॉस ओटीटी 2' विनर एल्विश यादव नोएडा रेव पार्टी मामले में आरोपी बने हैं तब से ही वह खबरों में बने हुए हैं। वैसे तो एल्विश यादव कई विवादों का हिस्सा रहे हैं लेकिन सांप के जहर मामले में उनकी हालिया गिरफ्तारी इनमें से सबसे बड़ी है। इस समय एल्विश नोएडा की जेल में कैद हैं। वह अपनी जमानत का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल, बुधवार को जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकी। भले ही एल्विश को जमानत नहीं मिली लेकिन उन्हें बड़ी राहत जरूर मिली है।
नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव पर दर्ज केस में से NDPS एक्ट की धाराएं हटा ली हैं। पुलिस ने माना है कि उनसे बड़ी गलती गई है और ये धाराएं भूलवश लगा दी गई थीं। NDPS एक्ट हटने से अब यूट्यूबर की जमानत का रास्ता कहीं अधिक सरल हो गया है।पुलिस के अनुसार, जब एल्विश यादव को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया, तब उन पर गलत धारा लगाई गई थी।
एल्विश के वकील ने बुधवार को कोर्ट में अर्जी देकर धाराओं में दोष को लेकर कोर्ट को अवगत करवाया था, जिसके बाद अब पुलिस ने अपनी गलती में सुधार किया है। पुलिस का कहना है कि एल्विश यादव मामले में NDPS एक्ट का सेक्शन 22 लगाना था लेकिन गलती से सेक्शन 20 लगा दिया गया।
एल्विश यादव 17 मार्च को गिरफ्तार हुए और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उनकी गिरफ्तारी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत हुई है। एल्विश को उनकी जमानत की सुनवाई के लिए नोएडा की एक स्थानीय अदालत में ले जाया गया लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हो सकी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय बार एसोसिएशन की चल रही हड़ताल के कारण सुनवाई स्थगित करनी पड़ी, जिससे अदालत आवश्यक कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ा सकी।
NDPS एक्ट की धारा 22?
NDPS एक्ट की धारा 22 नशीले पदार्थों को रखने, बेचने, बनाने और तस्करी करने के मामले में लगाई जाती है। जो भी व्यक्ति इस एक्ट के किसी भी प्रावधान या नियम या आदेश का उल्लंघन करता है या फिर किसी भी नशीले पदार्थों को बनाता है, रखता है, बिक्री-खरीद करता है, ट्रांसपोर्टेशन, आयात-निर्यात या इस्तेमाल करता है तो वह इसमें दंडनीय होगा। इसमें दोषी पाए गए अपराधी को सात साल तक की जेल की सजा हो सकती है और इसमें उसे जमानत मिलनी भी काफी मुश्किल होती है।