Edited By suman prajapati, Updated: 24 Jun, 2025 11:27 AM

दुनियाभर में पशु कल्याण और खासकर लोमड़ियों को बचाने के लिए जानी जाने वाली 'सेव ए फॉक्स' (Save A Fox) संस्था की संस्थापक और फेमस यूट्यूबर मिकायला रेन्स (Mikayla Raines) का निधन हो गया है। 29 वर्ष की मिकायला ने आत्महत्या कर ली। इस बात की पुष्टि उनके...
मुंबई. दुनियाभर में पशु कल्याण और खासकर लोमड़ियों को बचाने के लिए जानी जाने वाली 'सेव ए फॉक्स' (Save A Fox) संस्था की संस्थापक और फेमस यूट्यूबर मिकायला रेन्स (Mikayla Raines) का निधन हो गया है। 29 वर्ष की मिकायला ने आत्महत्या कर ली। इस बात की पुष्टि उनके पति एथन रेन्स ने एक भावुक वीडियो के जरिए की, जिसे 'सेव ए फॉक्स' के यूट्यूब चैनल पर शेयर किया गया है।
पति एथन रेन्स का भावुक संदेश
एथन रेन्स ने इंस्टाग्राम और यूट्यूब दोनों पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें वह भावुक होकर मिकायला की बात करते हैं। उन्होंने लिखा: “यह ऐसा नुकसान है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। मिकायला एक अविश्वसनीय रूप से प्रेरणादायक इंसान थीं। वह न सिर्फ जानवरों के लिए बल्कि इंसानियत के लिए एक मिसाल थीं। मैं पूरी तरह से टूट चुका हूं, लेकिन मैं वादा करता हूं कि मिकायला का सपना और काम मैं आगे बढ़ाऊंगा।”
उनके पति एथन ने अपने वीडियो में बताया कि मिकायला लम्बे समय से डिप्रेशन, ऑटिज्म, और बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर (BPD) जैसी मानसिक बीमारियों से जूझ रही थीं। उन्होंने बताया कि मिकायला ने अपने इलाज के लिए कई प्रकार की थैरेपी ली और दवाइयों का सहारा भी लिया, लेकिन मानसिक और भावनात्मक दर्द उनके जीवन में बना रहा।

बावजूद इसके, उन्होंने अपने संघर्षों को कभी दुनिया के सामने नहीं आने दिया और हमेशा जानवरों की देखभाल में लगी रहीं। उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान और वीडियो में दिखाई जाने वाली ऊर्जा के पीछे एक गहरा दर्द छिपा था, जिसे अब उनके पति ने दुनिया के सामने शेयर किया है।

मिकायला रेन्स कौन थीं?
मिकायला रेन्स एक जानी-मानी पशु प्रेमी और एक्टिविस्ट थीं, जिन्होंने अपने जीवन को जानवरों की भलाई के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने 'सेव ए फॉक्स' नामक संस्था की स्थापना की थी, जो फर फार्मों से बचाई गई लोमड़ियों और अन्य जानवरों को एक सुरक्षित और प्यार भरा जीवन प्रदान करती है। मिकायला ने अब तक 500 से अधिक लोमड़ियों को बचाया और उनकी देखभाल की।
बचपन से ही मिकायला को जानवरों से गहरा लगाव था। चाहे वह सड़क पार कर रहे कछुए की मदद करना हो या बीमार जानवरों को अपनाना—उनका हर कदम पशु कल्याण की ओर उठता था।