Edited By Jyotsna Rawat, Updated: 25 Oct, 2024 01:10 PM
यहां पढ़ें कैसी है नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म दो पत्ती
फिल्म- दो पत्ती (Do Patti)
स्टारकास्ट : काजोल (Kajol), कृति सैनन (Kriti Sanon)शाहीर शेख (Shaheer Sheikh)
निर्देशक : शशांक चतुर्वेदी (shashank chaturvedi)
निर्माता : कनिका ढिल्लों (Kanika Dhillon) और कृति सैनन (Kriti Sanon, co-producer )
प्लेटफार्म : नेटफ्लिक्स (Netflix)
Do Patti: अपनी सुन्दर छवि और शानदार अभिनय के लिए मशहूर एक्ट्रेस कृति सैनन ने अब फिल्मों में निर्माता के रूप में अपनी पारी शुरू कर दी है। बतौर निर्माता उन्होंने अपना डेब्यू किया है रोमांटिक थ्रिलर फिल्म 'दो पत्ती ' से जो आज से नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम कर रही है। बॉलीवुड की प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में शुमार काजोल देवगन और कृति सेनन की जोड़ी ने 'दो पत्ती ' में कमाल किया है। काजोल देवगन पुलिस इंस्पेक्टर और एक वकील की भूमिका में हैं। कृति सैनन ने दोहरी भूमिका भी निभाई है।
टीवी सीरियल 'ये रिश्ते हैं प्यार के', 'कुछ रंग प्यार के ऐसे भी', 'वो तो है अलबेला' और 'महाभारत' से फेमस हुए अभिनेता शाहीर शेख ने फिल्म 'दो पत्ती' से हिंदी मूवीज में डेब्यू किया है। दो पत्ती का शाब्दिक अर्थ दो पत्ते जो पौधों के पत्ते कम और ताश के पत्ते ज्यादा हैं, जो अपनी चालों से अपने सामने के खिलाड़ियों को मात देते हैं।
फिल्म की कहानी घरेलु हिंसा पर आधारित है, जहां महिलाएं अपने ऊपर हो रहे अत्याचार पर चुप्पी साधे रहती हैं। फिल्म की निर्माता और लेखिका के रूप में कनिका ढिल्लों ने घरेलू हिंसा के मुद्दे और इसके नतीजों को चित्रित किया है। कनिका ढिल्लों की कथ्था पिक्चर्स और कृति सेनन की ब्लू बटरफ्लाई फिल्म्स ने पहली बार निर्माता के रूप में ऐसे विषय से शुरुआत की है जिसे इतनी गहराई और विवरण के साथ चित्रित किया गया है।
कहानी
देवभूमि उत्तराखंड के गांव देवीपुर की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म की कहानी दो जुड़वां बहनों सौम्या सूद और शैली सूद (कृति सैनन का डबल रोल) की हैं जो अपने रहस्मयी किरदारों के साथ कई राज छुपाए हुए हैं। इनके रिश्ते में प्यार नहीं सिर्फ नफरत है। दोनों के मां-बाप का देहांत बचपन में ही हो जाता है। जिसके बाद दोनों बहनों में दूरियां बढ़ जाती हैं, जिसके चलते शैली को हॉस्टल में भेज दिया जाता है। समय के साथ दोनों की नफरत बढ़ती जाती है। सौम्या अपने साइको प्रेमी ध्रुव (शाहीर शेख) के प्यार में दीवानी है। दोनों खुश थे। तभी कहानी में सौम्या की जुड़वा बहन की एंट्री की साथ ट्विस्ट आता है जो इनके रिश्ते में कड़वाहट की नीव दाल देता है। वो उनकी लव लाइफ और बाद में शादीशुदा जिंदगी को बिखेरकर रख देती है। जुड़वा बहनों में महाभारत छिड़ जाती है। सौम्या और शैली दोनों को ध्रुव चाहिए, जिसको लेकर उनमे महाभारत छिड़ जाती है। कहानी में एक और ट्विस्ट तब आता है जब पुलिस ध्रुव को एक्सीडेंट केस में गिरफ्तार करती है। ध्रुव घरेलु हिंसा को लेकर भी विद्या ज्योति के निशाने पर होता है, जिसकी शिकायत सौम्य पुलिस से कभी नहीं करती। अब पुलिस इंस्पेक्टर विद्या ज्योति (काजोल देवगन ) इस केस की तफ्तीश में इन बहनों तक पहुंच जाती हैं। कहानी के किरदार एक साथ इस तरह की चालें चलते हैं कि विद्या के सामने कई जटिलताएं पैदा हो जाती हैं। क्या विद्या असली मुजरिम तक पहुंच पाएगी। आखिर इस केस को सॉल्व करते करते और किन किन किरदारों के चेहरे बेनकाब होंगे। विद्या की तफ्तीश कहां जाकर खत्म होती है और अपराधी आखिर कौन होता है, इन सब सवालों के जवाब आपको 'दो पत्ती ' देखने पर मालूम होंगे।
एक्टिंग
फिल्म में अनुभवी और हंसमुख काजोल ने इंस्पेक्टर विद्या का गंभीर और जिम्मेदार पुलिस अफसर और वकील का किरदार निभाया है। उन्होंने शानदार एक्टिंग की है और पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में जंचती हैं। उनकी डायलॉग डिलीवरी भी कमाल की है। उनके आप्पोजिट कृति सैनन न सिर्फ दिखने में खूबसूरत लगी हैं बल्कि उन्होंने एक्टिंग भी शानदार की है। दोनों ही भूमिकाओं के साथ उन्होंने पूरा इन्साफ किया है और अपना सौ फीसदी दिया है। उनकी स्क्रीन प्रेजेंस कमाल की है। टीवी से फिल्मों में डेब्यू करने वाले शहीर शेख ने भी अपनी उपस्थिति से फिल्म को पूरी तरह सपोर्ट किया है। हालांकि फिल्म में मुख्य किरदार काजोल और कृति सैनन ही हैं लेकिन फिल्म के सपोर्टिंग एक्टर्स ने भी फिल्म को अपनी अपनी उपस्थिति से पूरी तरह सपोर्ट किया है ।
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन शशांक चतुर्वेदी ने किया है, जहां उन्होंने आधुनिक रोमांस को बखूबी चित्रित किया है वहीँ थ्रिल को भी आखिर तक थामे रखा। आउटडोर शूटिंग आंखों को काफी सुकून पहुंचती है क्योंकि प्रकृति को देखकर दर्शक ताज़ा तरीन महसूस करता है और शांत माहौल थ्रिल पैदा करने में कामयाब होता है। हालांकि फिल्म के सभी कलाकार अनुभवी हैं लेकिन डायरेक्टर ने अपनी स्क्रीनप्ले के हिसाब सभी कलाकारों से शानदार काम लिया है। कनिका ढिल्लों द्वारा लिखी कथा और पटकथा को शशांक ने सजीव परदे पर पेश किया है। थ्रिल इतना जबरदस्त है की सीट से बाँध कर रखता है। डायलाग भी छोटे और प्रभावी हैं। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी भी काफी अच्छी है और पहाड़ों के प्रकृतिक दृश्य भी लुभावने हैं।
म्यूजिक
फिल्म में संगीत अनुराग सैकिया का है और फिल्म के रोमांटिक सीन्स और थ्रिल को बखूबी सपोर्ट करता है। फिल्म में कुल मिलाकर 2 गाने हैं। कौसर मुनीर के लिखे गीत "रांझन " का संगीत सचेत परंपरा का है और इसे गाया है परम्परा टंडन ने है। दूसरा गीत 'अखियां दे कोल' के बोल कौसर मुनीर और मैलौ डी ने लिखे हैं और इस गाया है शिल्पा राव और मैलौ डी ने। इस गाने का संगीत तनिष्क बागची ने दिया है। दोनों ही गानों का संगीत और गाने के बोल आकर्षक और मधुर हैं और चार्टबस्टर पर काफी पसंद किये जा रहे हैं।
थ्रिलर मूवीज को आजकल काफी पसंद किया जा रहा है और फिल्मकार भी एक से बढ़कर एक कहानियां पेश कर रहे हैं जो थ्रिल जॉनर को एक नए मुकाम पर पहुंचा रही हैं। 'दो पत्ती ' भी ऐसी ही फिल्म है जिसका थ्रिल जबरदस्त है थ्रिलर पसंद करने वालों को यह फिल्म खूब पसंद आने वाली है।
Saurce: Navodaya Times