Edited By Sonali Sinha, Updated: 12 Apr, 2023 02:47 PM
"मैं सांस लेना चाहता हूं ताकि मैं काम कर सकूं"- विवेक अग्निहोत्री
नई दिल्ली। पांच साल पहले, अमेरिका स्थित 'दृष्टिकोण' ने गौतम नवलखा पर एक आर्टिकल पब्लिश किया था, जिन्हें भारत की अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मैंने केवल सोर्स और लेखक का हवाला देते हुए लेख को एक ट्वीट थ्रेड के रूप में पोस्ट किया था।
इसके बाद, दिल्ली हाई कोर्ट ने दृष्टिकोण, श्री एस. गुरुमूर्ति और मेरे खिलाफ अदालत की अवमानना का सूओ मोटो जारी किया। आर्टिकल को लेखक ने फौरन माफी के साथ हटा दिया था, जिसके बाद श्री एस गुरुमूर्ति ने अदालत में बिना शर्त माफी मांगी। इससे मेरे पास कोई अधिकार नहीं रह गया था और मैं नैतिक और बौद्धिक रूप से उस सोर्स से जानकारी शेयर करने के लिए माफी मांगने के लिए मजबूर था। इसे न्याय और साहस की लड़ाई के रूप में अन्यथा पेश करना दिखावा और गलत होगा। इस मुद्दे में जो नहीं है उसमें बदलकर गैलरी में प्ले करना सही नहीं है और क्रिएटिव एनर्जी की सरासर बर्बादी है। मेरे मन में भारतीय न्यायपालिका के लिए बहुत सम्मान है और मैं कभी भी ऐसा कुछ भी नहीं कहूंगा या लिखूंगा जो बिना किसी बुनियाद हो और जो हमारी न्यायपालिका की पवित्रता के खिलाफ हो, जो हमारे राष्ट्र के स्तंभों में से एक है।
किसी व्यक्ति को कानूनी मामलों में फंसाना, गलत खबरों के जरिए उसे बदनाम करना और हर समय प्रतिक्रिया देने में उनका टाइम और एनर्जी बर्बाद करना ताकि उनका ध्यान उनके काम से भटकाया जा सके, हमारे लोकतंत्र में आम बात नहीं है। द कश्मीर फाइल्स के रिलीज होने के बाद से, मुझे चरमपंथियों, अलगाववादियों, मीडिया, पॉलिटिकल पार्टीज, खतरनाक कम्युनल फैक्ट चेकर्स, कुछ निहित एजेंसियों, फिल्म फेस्टिवल जूरी मेंबर्स, और उनके ट्रोल और बॉट्स के विभिन्न सेक्शन द्वारा ऑनलाइन और रियल लाइफ में, दोनों में परेशान किया गया है। मेरे खिलाफ खुले फतवे और धमकियां हैं। मुझे एक्टर्स से लेकर फंडामेंटलिस्ट रिलीजियस बॉडीज से लेकर कोर्ट केसेस तक, कई कानूनी नोटिस दिए गए हैं। मेरे परिवार, (खासकर के मेरी छोटी बेटी) को कुछ कम्युनल फैक्ट चेकर्स और उनके सहयोगियों द्वारा खुलेआम एब्यूज किया जा रहा है और धमकाया जा रहा है। यह मेरी हकीकत है और यह सब पब्लिक डोमेन में है।
अपने काम के जरिए एक इंडिक पुनर्जागरण के अपने मिशन में बिना धैर्य खोए मैं अपने प्रोजेक्ट पर दृढ़ विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ फोकस्ड हूं। मेरा मकसद भारतीय सभ्यता की महानता के बारे में जागरूकता पैदा करना और हमारे महान इतिहास, दर्शन, बलिदान, शक्ति और उपलब्धियों को उजागर करना है ताकि युवा पीढ़ी अपनी समृद्ध विरासत पर गर्व महसूस कर सके। मैंने अपनी सभ्यता की सच्चाई को उजागर करने वाली परियोजनाओं के लिए लगातार अपने जीवन और संसाधनों को जोखिम में डाला है। अर्बन नक्सल से लेकर द कश्मीर फाइल्स तक, मेरी टीम और मैंने एक अनोखी लड़ाई लड़ी है। मेरे जीवन के अगले कुछ साल इन प्रोजेक्ट्स के लिए डेडिकेटेड हैं:
-कश्मीर अनरिपोर्टेड - कश्मीर पर एक लंबी डॉक्यूमेंट्री सीरीज
-द वैक्सीन वॉर - स्वदेशी कोविड वैक्सीन के निर्माण पर एक फीचर फिल्म
-द दिल्ली फाइल्स - भारत के खूनी विभाजन के छिपे हुए सच पर एक फीचर फिल्म
- द फॉल ऑफ निजाम - एक फीचर फिल्म
-इंडिया के ग्रैटेस्ट एपिक पर 3 पार्ट की फीचर फिल्म सीरीज
- एक वर्ल्ड क्लास इंडिक रिसर्च यूनिट की स्थापना (भारतीय सिनेमा में पहला)
भारत की सॉफ्ट पावर के रूप में सिनेमा का इस्तेमाल करने के अलावा, हम कई यंग इंडियन स्टोरीटेलर्स को भी एम्पावर कर रहे हैं। यह सब लगातार फोकस के जरिए ही मुमकिन है, बिना किसी डिस्ट्रैक्शन के - चाहे वह कानूनी हो या राजनीतिक, मैं अपने जीवन में ज्यादा क्रिएटिव और स्पिरिचुअल एनर्जी के लिए जगह बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं ताकि मैं वह कर सकूं जो पहले कभी नहीं किया गया। एक प्राइड इंडियन के रूप में, मैं चाहता हूं कि भारत दुनिया के लिए एक प्रेरणा बने। और भारतीय नवजागरण के इस काम में मेरा योगदान तभी संभव है जब मैं वह कर सकूं जो मैंने सोचा है। तब तक मैं रियल वॉर के लिए अपनी एनर्जी बचाना चाहता हूं। तब तक मैं सांस लेना चाहता हूं. ताकि मैं बना सकूं।